नए वित्त वर्ष की शुरुआत मोदी सरकार के लिए एक के बाद एक अच्छी खबरों से हो रही है। खुदरा और थोक महंगाई में कमी से लेकर रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में वृद्धि पर विराम लगाना समेत कई ऐसे खबरें हैं जो सरकार को खुश करने का काम कर सकती हैं। आइए, जानते हैं कि मोदी सरकार को एक के बाद कौन-कौन सी अच्छी खबरें मिल रही हैं।
- खुदरा महंगाई घटीः मार्च महीने में खुदरा महंगाई 15 महीन के निचचले स्तर 5.66 फीसदी पर आ गई। यह सरकार के लिए राहत भरी बात है।
- थोक महंगाई में भी राहतः थोक महंगाई मार्च में 29 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। मार्च में थोक महंगाई दर गिरकर 1.34 फीसदी पर आ गई।
- रेपो रेट नहीं बढ़ाः रिजर्व बैंक ने लगातार छह बढ़ोतरी के बाद अप्रैल महीने में रेपो रेट में बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है। इससे होम और कार लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिली।
- अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तारः दुनियाभर में मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज बनी हुई है। इससे दुनियाभर के निवेशकों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है। भारतीया जीडीपी 6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है।
- जीएसटी कलेक्शन में उछाल: साल दर साल आधार पर जीएसटी कलेक्शन में 13 फीसदी का उछाल आया है। वित्त वर्ष 2022.23 के लिए कुल जीएसटी संग्रह 18.10 लाख करोड़ रहा। वहीं, प्रति महीने का औसत कलेक्शन 1.51 लाख करोड़ रहा।
- डायरेक्टर टैक्स कलेक्शन बढ़ा: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह संशोधित अनुमानों से अधिक रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 20.33% की वृद्धि दर्ज करते हुए 19.68 लाख करोड़ रहा।