सरकार ने लंबे समय से चली आ रही एक और परंपरा को बदल दिया है। यह बदलाव अब निर्यात के क्षेत्र में देखने को मिला है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार देश के व्यापार की साफ तस्वीर दिखाने के लिए अब महीने में सिर्फ एक बार निर्यात एवं आयात के मासिक आंकड़े जारी किए जाएंगे।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि अब महीने में सिर्फ एक बार ही आयात-निर्यात के आंकड़े जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने के लिए ये आंकड़े नवंबर के मध्य तक आ जाएंगे। दरअसल, पिछले कुछ महीनों से आयात-निर्यात के शुरुआती एवं अंतिम आंकड़ों में काफी फर्क होने से असमंजस की स्थिति पैदा होने लगी थी।
सामने आ रही थीं गड़बड़ियां
सितंबर महीने के निर्यात के बारे में प्रारंभिक एवं अंतिम आंकड़ों में काफी अंतर देखने को मिला था। प्रारंभिक आंकड़ों में कहा गया था कि सितंबर में उत्पादों का निर्यात 3.5 प्रतिशत घटकर 32.62 अरब डॉलर पर आ गया। लेकिन 14 अक्टूबर को जारी अंतिम आंकड़ों में कहा गया कि सितंबर में उत्पाद निर्यात करीब पांच प्रतिशत बढ़कर 35.45 अरब डॉलर पर पहुंच गया। उसके पहले अगस्त महीने के निर्यात आंकड़ों में भी बदलाव दर्ज किया गया था। जहां प्रारंभिक आंकड़ों में निर्यात गतिविधियां 1.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33 अरब डॉलर रहने की बात कही गई थी। वहीं 14 सितंबर को जारी अंतिम आंकड़ों में इसके 1.62 प्रतिशत बढ़कर 33.92 अरब डॉलर हो जाने की बात कही गई। मंत्रालय ने अक्टूबर, 2020 में निर्यात एवं आयात के मासिक आंकड़ों को प्रारंभिक एवं अंतिम आधार पर जारी करने की शुरुआत की थी।
अब तक 2 आंकड़े होते थे जारी
प्रारंभिक आंकड़ा महीने के पहले हफ्ते में जारी किया जाता था जबकि महीने के मध्य में संशोधित आंकड़ा जारी होता था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में दोनों आंकड़ों में बड़ा फर्क होने से असमंजस की स्थिति बनती दिखी। इस पहलू को ध्यान में रखते हुए अब सरकार महीने में सिर्फ एक बार ही पिछले महीने के व्यापार आंकड़े जारी करेगी। निर्यातक संगठनों के महासंघ फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने वाणिज्य मंत्रालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए कि पूरी जानकारी सामने आ जाने के बाद ही आंकड़े जारी करना सही होगा।