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मोदी सरकार के वो 10 फैसले जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को बना दिया दुनिया की पांचवी बड़ी Economy

Narendra Modi: आज के समय में भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था (Fifth Largest Economy) वाला देश है। पिछले 10 सालों में भारत ने 10वें से 5वें स्थान तक का सफर तय किया है।

Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: September 17, 2022 10:00 IST
Narendra Modi- India TV Paisa
Photo:INDIA TV मोदी के वो 10 फैसले जिसने भारत को बनाई 5th Economy

Highlights

  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से गरीबों को मिला एलपीजी कनेक्शन
  • छोटे बिजनेस को बल देने के लिए है प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना की शुरुआत
  • डिजिटल ट्रांजैक्शन में क्रांति लाने वाली योजना BHIM

Narendra Modi: आज के समय में भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था (Fifth Largest Economy) वाला देश है। पिछले 10 सालों में भारत ने 10वें से 5वें स्थान तक का सफर तय किया है। उसमें से 8 साल मोदी सरकार के कार्यकाल के हैं। भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) को इतनी बड़ी उपलब्धि दिलाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं, जिसने देश की विकास दर को रफ्तार देने का काम किया है। कोरोना महामारी जैसे आपात स्थिति के बाद मोदी के नेतृत्व में देश की विकास में तेजी से वापसी देखी गई। आज पीएम मोदी का जन्मदिन है। इसलिए उनके नेतृत्व में लिए गए उन 10 फैसलों के बारे में आज जानने की कोशिश करेंगे, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को बुलंदियों पर पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया हो। 

प्रधानमंत्री जन धन योजना

पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत 2014 में की थी, जब पीएम बनने के बाद लाल किले से अपना पहला भाषण दे रहे थे। इस योजना से देश के प्रत्येक नागरिक को बैंक खाता खोलने में मदद मिली थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किफायती तरीके से आम नागरिकों तक वित्तीय सेवाओं अर्थात् बैंकिंग बचत और जमा खाते, क्रेडिट, बीमा, पेंशन तक पहुंच सुनिश्चित करना था। PMJDY के तहत खोले गए खाते जीरो बैलेंस से खोले जा रहे हैं। हालांकि, यदि खाताधारक चेक बुक प्राप्त करना चाहता है, तो उसे न्यूनतम शेष राशि के मानदंडों को पूरा करना होता है। PMJDY वेबसाइट पर दिए गए डेटा के मुताबिक, इस योजना के अंतर्गत अब तक(16 अगस्त 2022) 46.56 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं, जिसमें 1,72,617 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से गरीबों को मिला एलपीजी कनेक्शन

यह योजना 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के तहत ये सुनिश्चित किया गया था कि बीपीएल परिवार को अगले 3 वर्षों में 1600 रुपये प्रति कनेक्शन की सहायता से 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे। महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित करते हुए विशेष रूप से ग्रामीण भारत में घरों की महिलाओं के नाम पर कनेक्शन जारी किए गए थे। सरकार ने इस योजना के लिए 8000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। अब तक इस योजना के तहत 2 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन बीपीएल परिवार को जारी किए जा चुके हैं।

छोटे बिजनेस को बल देने के लिए है प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना

अप्रैल 2015 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य छोटे व्यवसाय वाले व्यक्ति को उचित ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करके वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके तहत 10 लाख तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है। यह माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड के लिए है, इसका उद्देश्य गैर-कॉर्पोरेट छोटे व्यवसायों की फंडिंग जरूरतों को पूरा करना है।

पूरे भारत में एक टैक्स लगाने वाली GST

1 जुलाई 2017 को केंद्र की मोदी सरकार ने एक राष्ट्र एक कर नियम के तहत जीएसटी लॉन्च की थी, जिसका उद्देश्य अलग-अलग टैक्सों से ग्राहकों और व्यापारियों को छुटकारा दिलाना था। GST के अंतर्गत चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) बनाए गए हैं। हालांकि, गोल्ड और गोल्ड ज्वेलरी पर 3% टैक्स लगता है।

डिजिटल ट्रांजैक्शन में क्रांति लाने वाली योजना BHIM

आज के समय में भारत दुनिया में सबसे अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले देश में से एक गिना जाता है। मोदी ने 31 दिसंबर 2016 को भीम नामक एक नया मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया था, जिसकी मदद से हम बिना किसी व्यक्ति का बैंक डिटेल लिए पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। पैसे भेजने के लिए हें सिर्फ UPI आईडी की जरूरत होती है। इस समय भारत में यूपीआई ट्रांजैक्शन को सभी बैंक सपोर्ट करते हैं। उसके लिए मार्केट में पेटीएम, फोन पे, गूगल पे और भारत पे जैसे ऐप हैं।

स्टार्टअप क्रांति वाला देश बना भारत

यह योजना मोदी द्वारा 16 जनवरी 2016 को नई दिल्ली में देश में Innovation और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के इरादे से शुरू की गई थी। इस पहल के माध्यम से सरकार का उद्देश्य स्टार्टअप्स को Innovation और डिजाइन के माध्यम से बढ़ने के लिए सशक्त बनाना और स्टार्टअप के प्रसार में तेजी लाना है। सरकार के तरफ से स्टार्टअप के लिए अनुकुल माहौल तैयार करने का नतीजा है कि आज भारत के पास 107 यूनिकॉर्न स्टार्टअप है।

1 रुपये में भारतीय रेल यात्री यात्रा बीमा योजना

मोदी सरकार ने रेल बजट 2016-17 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत एक रुपये से कम का भुगतान करके ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक करते समय 10 लाख रुपये तक के यात्रा बीमा कवर का लाभ उठाया जा सकता है। यह यात्रियों के इच्छा पर निर्भर करता है कि वह इस योजना का लाभ उठाना चाहता है या नहीं।

रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (रेरा अधिनियम)

खरीदारों की शिकायतों को दूर करने और भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सरकार ने 1 मई 2017 को रेरा अधिनियम लागू किया था। भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा ने मार्च 2016 में रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (रेरा अधिनियम) पारित किया था। अधिनियम के अनुसार, यदि रियल एस्टेट डेवलपर किसी संपत्ति को पंजीकृत करने में विफल रहता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा जो परियोजना लागत का 10% तक हो सकता है और एक बार फिर से अपराध करने पर डेवलपर को जेल भी हो सकती है।

परियोजना की निर्माण लागत को पूरा करने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर को एक खरीदार से एकत्र किए गए धन का 70% एक अलग खाते में रखना होगा। यह अधिकांश डेवलपर्स द्वारा खरीदार के पैसे को डायवर्ट करने के लिए सामान्य अभ्यास पर रोक लगाता है। इससे फ्रॉड होने का खतरा कम होता है।

उड़े देश का हर नागरिक के उद्देश्य को पूरा करने वाला उड़ान योजना

इस योजना के तहत 1 घंटे की उड़ान यात्रा के लिए अधिकतम 2500 रुपये का हवाई किराया निर्धारित किया गया था। UDAN योजना राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (NCAP) का एक प्रमुख घटक है जिसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा 15 जून 2016 को जारी किया गया था। 27 अप्रैल 2017 को मोदी ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाई थी। पीएम मोदी ने उड़ान के तहत कडप्पा से हैदराबाद और नांदेड़ से हैदराबाद के लिए एक उड़ान को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

कालेधन को रोकने के लिए की गई नोटबंदी

2016 में 8 नवंबर को एक बड़ा झटका देखा गया, जब मोदी ने रात के 8 बजे अचानक से 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की और तत्काल प्रभाव से 500 और 2000 रुपये के नए नोट पेश कर दिए थे। इस घोषणा के पीछे मोदी सरकार की मंशा कालेधन को जमा करना था। सरकार ने बैंकों में पुरानी करेंसी जमा करने के लिए 30 दिसंबर 2016 तक का समय दिया था।

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