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भारत की विकास दर घटाने के बाद IMF ने किया बड़ा खुलासा, जानिए क्यों गिर रही है ग्रोथ रेट

आईएमएफ ने कहा कि भारत की विकास दर भले की गिरावट की ओर संकेत कर रही है। लेकिन इसकी स्थिति दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले फिर भी अच्छी है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: April 14, 2023 18:15 IST
imf- India TV Paisa
Photo:FILE imf

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने इसी हफ्ते भारत के ग्रोथ अनुमान को घटा कर 6 प्रतिशत से भी नीचे ला दिया है। अब आईएमएफ ने  अपने इस कठोर कदम के कारणों का भी खुलासा किया है। IMF के एक सीनियर ऑफिसर ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत की विकास दर के अनुमान को घटाने के पीछे की मुख्य वजह घरेलू खपत में आ रही सुस्ती और आंकड़ों में हुए संशोधन हैं। आईएमएफ ने गत मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर पूर्वानुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया था। 

गिरावट के बाद भी टॉप पर भारत 

आईएमएफ ने कहा कि भारत की विकास दर भले की गिरावट की ओर संकेत कर रही है। लेकिन इसकी स्थिति दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले फिर भी अच्छी है। आईएमएफ के अनुसार इस गिरावट के बावजूद दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। 

विकास दर में कटौती के दो प्रमुख कारण 

मुद्राकोष के एशिया एवं प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्ण श्रीनिवासन ने कहा कि भारत के वृद्धि दर अनुमान में कटौती के पीछे मुख्य रूप से दो कारक रहे हैं। इसमें पहला कारण है घरेलू खपत की वृद्धि में आ रही हल्की सुस्ती है। वहीं दूसरा कारक 2019 से 2020 में आंकड़ों का संशोधन है जिससे आर्थिक स्थिति पता चलती है। महामारी से पहले स्थिति कहीं बेहतर थी। हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामारी का प्रभाव हमारी सोच से कहीं अधिक सीमित था और पुनरुद्धार अधिक सशक्त रहा है। 

यूरोप और अमेरिका की सुस्ती भी बनी वजह 

श्रीनिवासन ने कहा कि इन सभी कारणों से उत्पादन का अंतराल कम हो रहा है। उन्होंने कहा, इससे पता चलता है कि पूर्वानुमान में संशोधन किस वजह से हुआ है। जहां तक जोखिम का सवाल है तो एक बार फिर इस क्षेत्र में बाह्य जोखिम अमेरिका एवं यूरोप में वृद्धि के सुस्त पड़ने से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इन सभी बाह्य जोखिमों का भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि पूर्वानुमान पर असर देखने को मिल सकता है। 

क्या ब्याज दरें बढ़ाएगा रिजर्व बैंक 

भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर में वृद्धि का सिलसिला रोकने के बारे में पूछे जाने पर श्रीनिवासन ने कहा, मौजूदा समय में 6.5 प्रतिशत की ब्याज दर काफी हद तक एक तटस्थ नीतिगत रुख है जो हमारी राय में भारत की आर्थिक स्थितियों के लिहाज से टिकाऊ है।

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