केंद्र सरकार की ’आत्मनिर्भर भारत’ पहल को रक्षा मंत्रालय की ओर से बड़ा समर्थन मिला है। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को 11 जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय पोत कंपनियों के साथ एक करार पर दस्तखत किए। अधिकारियों ने कहा कि लगभग 19,600 करोड़ रुपये के इस सौदे के तहत 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती पोत और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत का अधिग्रहण किया जाएगा।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि 11 पोत में सात को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) तैयार करेगी और चार को कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) बनाएगी। इनकी आपूर्ति सितंबर, 2026 से शुरू होगी। बयान के मुताबिक, ‘‘रक्षा मंत्रालय ने 30 मार्च, 2023 को रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए 19,600 करोड़ रुपये में 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाज और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत के अधिग्रहण के लिए भारतीय पोत कंपनियों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।’’
बयान के मुताबिक, 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती पोत के अधिग्रहण के लिए जीएसएल और जीआरएसई के साथ कुल 9,781 करोड़ रुपये के करार पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा मंत्रालय ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) के साथ अगली पीढ़ी की समुद्री मोबाइल तटीय बैटरी और ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदने के लिए 1,700 करोड़ रुपये का करार किया। बीएपीएल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है।