असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के राष्ट्रीय डेटाबेस पोर्टल ई-श्रम में रजिस्ट्रेशन की रफ्तार तेज बनी हुई है। ताजा आंकड़े यही कह रहे हैं। श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, ई-श्रम में रजिस्ट्रेशन ने तीन साल की अवधि में 30 करोड़ रजिस्ट्रेशन के मील के पत्थर को पार कर लिया है। भाषा की खबर के मुताबिक, श्रम मंत्रालय ने बीते सोमवार को बयान में कहा कि यह उपलब्धि सामाजिक प्रभाव और देशभर में असंगठित श्रमिकों को समर्थन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
एकमुश्त सॉल्यूशन प्लेटफॉर्म के तौर पर स्थापित
खबर के मुताबिक, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की थी। बयान के मुताबिक, शुरू होने के तीन साल के भीतर इस पोर्टल पर 30 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों को रजिस्टर किया जा चुका है। इससे पता चलता है कि असंगठित श्रमिक इसे तेजी से और व्यापक रूप से अपना रहे हैं। सरकार देश के असंगठित श्रमिकों के लिए एकमुश्त सॉल्यूशन प्लेटफॉर्म के तौर पर ई-श्रम पोर्टल को स्थापित करना चाहती है। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट भाषण में ई-श्रम पोर्टल को दूसरे पोर्टल के साथ व्यापक रूप से एकीकृत कर एकमुश्त समाधान सुविधा के रूप में स्थापित करने की बात कही गई।
क्या है ई-श्रम पोर्टल
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है, जिसे आधार से जोड़ा जाता है। इसमें उनके रोजगार की अधिकतम प्राप्ति और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों को उन तक पहुंचाने के लिए नाम, व्यवसाय, पता, व्यवसाय प्रकार, शैक्षिक योग्यता, कौशल प्रकार आदि का विवरण होता है। यह प्रवासी श्रमिकों, निर्माण श्रमिकों, गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों आदि सहित असंगठित श्रमिकों का पहला राष्ट्रीय डेटाबेस है।
क्या मिलते हैं इसके फायदे
ई-श्रम कार्ड से असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 60 वर्ष की उम्र होने के बाद 3000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलना है। इसके अलावा, 2,00,000 रुपये का मृत्यु बीमा और आंशिक रूप से विकलांग होने पर 1,00,000 रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। अगर ई-श्रम कार्ड के लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो लाभ उसके जीवनसाथी को दिया जाता है। लाभार्थियों को 12 अंकों का यूएएन नंबर भी मिलता है, जो पूरे भारत में मान्य है।