iPhone बनाने वाली कंपनी Apple को पछाड़ कर टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। आईफोन की ग्रोथ को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण एपल के शेयर में हाल के दिनों में गिरावट देखने को मिली है। 2021 के बाद यह पहला मौका है जब माइक्रोसॉफ्ट की वैल्यूएशन एपल से ज्यादा हो गई है।
माइक्रोसॉफ्ट के शेयर में तेजी
एआई के बढ़ते ट्रेंड ने पिछले कुछ में निवेशकों का ध्यान माइक्रोसॉफ्ट के शेयर की तरफ तेजी से खीचा है। माइक्रोसॉफ्ट का स्टॉक में आज के कारोबारी सत्र में 1.6 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है, जिसके कारण इसका वैल्यूएशन 2.875 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। वहीं, एपल के शेयर में 0.9 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इसका वैल्यूएशन 2.871 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। इस साल की बात की जाए तो एपल के शेयर में 3.3 प्रतिशत की गिरावट हुई है। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट का शेयर में 1.8 प्रतिशत की तेजी आई है।
एपल के शेयर में गिरावट की वजह
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की ओर से बताया गया कि आईफोन की सेल्स ग्रोथ को लेकर चीन जैसे प्रमुख बाजारों उभरी चिंताओं के एपल की रेटिंग को हाल ही में डाउनग्रेड किया गया है, जिसका असर एपल पर देखने को मिल रहा है। ब्रोकरेज के कहना है कि हाल के दिनों में एपल का सर्विस बिजनेस काफी ब्राइट स्पॉट रहा था। आईओएस में गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाने की डील को लेकर उभरी सुरक्षा चितांओं ने एपल की रेटिंग को कम किया है।
2023 में Apple और Microsoft का प्रदर्शन
एपल के शेयर में 2023 में अच्छी तेजी देखने को मिली थी और इसने 48 प्रतिशत का रिटर्न दिया। अपने पीक पर एपल का मार्केट कैप 14 दिसंबर को 3.081 ट्रिलियन डॉलर को छू गया था। मौजूद समय में पूरी दुनिया में एपल ही एक ऐसी कंपनी है जिसने 3 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप को छूआ है। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट के शेयर ने 2023 में 57 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। स्टॉक के रिटर्न देने का कारण एआई को लेकर कंपनी का झुकाव माना जा रहा है।