MicroFinance :छोटी राशि के कर्ज देने वाले उद्योग (माइक्रोफाइनेंस) का प्रदर्शन बैंकों से कहीं बेहतर रहा है। एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि कम राशि के कर्ज के मामले में ग्राहक बैंकों की बजाए Microfinance कंपनियों पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। यही कारण है कि Microfinance कंपनियों की तरफ से दिया गया कुल ऋण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 24% बढ़कर 2,75,750 करोड़ रुपये पहुंच गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 2,22,307 करोड़ रुपये था। माइक्रोफाइनेंस से जुड़ी सभी इकाइयों की तरफ से दिया गया कुल कर्ज 31 मार्च, 2022 को 2,62,599 करोड़ रुपये था।
बैंकों के मुकाबले 5 गुनी ग्रोथ
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मान्यता प्राप्त सूक्ष्म वित्त संस्थानों के लिये स्व-नियामकीय संगठन (SRO) सा-धन की रिपोर्ट के अनुसार, बैंक को छोड़कर सभी वित्तीय संस्थानों के कर्ज में दहाई अंक में वृद्धि हुई है। बैंकों का छोटी राशि का कर्ज 9.23 प्रतिशत बढ़कर 1,04,762 करोड़ रुपये रहा। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का कर्ज 54.62 प्रतिशत बढ़कर 24,870 करोड़ रुपये पहुंच गया।
गैर बैंकिंग संस्थानों के कर्ज की ग्रोथ
वित्तीय संस्था | ग्रोथ |
NBFC-Small Finance Institution (MFI) | 35.18% |
Small Finance Banks | 27.66% |
Non Profit MFI | 20.71% |
कोरोना संकट से उबरा वित्तीय क्षेत्र!
सा-धन के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जीजी मैमन ने रिपोर्ट में लिखा है, ‘‘यह क्षेत्र महामारी की कठिनाइयों से बाहर आ गया है और अब पटरी पर है।’’ सभी वित्तीय संस्थानों का कुल कर्ज वितरण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 57,842 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी तिमाही में 27,328 करोड़ रुपये था। रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) की तुलना में कर्ज वितरण करीब 35 प्रतिशत कम है। क्षेत्र में एनपीए जून, 2022 के अंत में करीब 12 प्रतिशत रही लेकिन एनबीएफसी-एमएफआई के मामले में यह नौ प्रतिशत रही।