Wednesday, January 15, 2025
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मेटा इंडिया ने भारत के चुनावों पर मार्क जुकरबर्ग के कमेंट के लिए मांगी माफी, जानें क्या कहा, समझें पूरा मामला

मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने भारतीय चुनाव 2024 को लेकर सरकार को लेकर एक पॉडकास्ट में कमेंट किया था। मेटा इंडिया ने कहा कि भारत @मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jan 15, 2025 14:47 IST, Updated : Jan 15, 2025 14:47 IST
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले जो रोगन पॉडकास्ट पर CEO मार्क जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियो
Photo:AP केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले जो रोगन पॉडकास्ट पर CEO मार्क जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की थी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मूल कंपनी मेटा की भारतीय ईकाई मेटा इंडिया ने बुधवार को सीईओ मार्क जुकरबर्ग की पॉडकास्ट के दौरान भारत के चुनावों पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है। इस टिप्पणी में जुकरबर्ग ने कहा था कि भारत में मौजूदा सरकार 2024 के चुनावों में सत्ता खो देगी। मेटा इंडिया ने इसे अनजाने में हुई गलती बताया। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष शिवनाथ ठुकराल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में माफी मांगी और अपनी बात रखी।

एक्स पोस्ट में मांगी माफी

खबर के मुताबिक, मेटा इंडिया उपाध्यक्ष ठुकराल ने लिखा कि प्रिय माननीय मंत्री @अश्विनी वैष्णव, मार्क का यह अवलोकन कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियां फिर से नहीं चुनी गईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के लिए नहीं। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी मांगना चाहेंगे। भारत @मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके अभिनव भविष्य के केंद्र में होने की उम्मीद करते हैं।

अश्विनी वैष्णव ने कमेंट को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया था

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले जो रोगन पॉडकास्ट पर जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की थी। वैष्णव ने 13 जनवरी को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि मि. जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारें कोविड के बाद हार गई हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत ने 2024 के चुनावों को 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ संचालित किया। भारत के लोगों ने पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में एनडीए में अपने विश्वास की पुष्टि की। मंत्री ने जुकरबर्ग की टिप्पणियों को गलत सूचना बताते हुए खारिज कर दिया था, और यह स्पष्ट किया था कि मेटा को तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए।

वैष्णव ने गिनाए भारत की मजबूती

वैष्णव ने कहा कि 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन, 2. 2 अरब मुफ्त टीके और कोविड के दौरान दुनिया भर के देशों को सहायता से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाने तक, पीएम मोदी की निर्णायक तीसरी बार की जीत सुशासन और जनता के भरोसे का प्रमाण है। @मेटा, जुकरबर्ग से खुद गलत सूचना देखना निराशाजनक है। आइए तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखें। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कहा था कि पैनल अपने अध्यक्ष की टिप्पणियों के बाद फर्म को तलब करेगा कि भारत की सत्तारूढ़ व्यवस्था पिछले साल लोकसभा चुनाव हार गई थी।

दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मेरी समिति इस गलत जानकारी के लिए मेटा को तलब करेगी। किसी भी लोकतांत्रिक देश के बारे में गलत जानकारी उसकी छवि को खराब करती है। इस संगठन को इस गलती के लिए भारतीय संसद और यहां के लोगों से माफी मांगनी होगी।

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