भारत के वित्तीय जगत में शनिवार 1 जुलाई को बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भारत की दो सबसे मूल्यवान कंपनियों एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) का मर्जर 1 जुलाई से लागू होने जा रहा है। ये डील करीब 40 अरब डॉलर की है । एचडीएफसी बैंक और एचडीएसफी लिमिटेड का मर्जर होने के बाद दुनिया का 5वां सबसे मूल्यवान बैंक बन जाएगा। अप्रैल 2023 तक एचडीएफसी बैंक दुनिया में मार्केट कैप के हिसाब से 11वें नंबर पर था। इस घोषणा के बाद से एक सवाल यह उठ रहा है कि विलय होने के बाद होम लोन का क्या होगा।
HDFC के ग्राहकों पर पड़ेगा असर
विशेषज्ञों के अनुसार देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता एचडीएफसी बैंक के ऋण काफी हद तक अप्रभावित रहेंगे। हालाँकि, एचडीएफसी से कर्ज लेने वाले ग्राहकेां के लिए बदलाव हो सकते हैं। बता दें कि एचडीएफसी लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा निजी होम लोन लेंडर है। मर्जर के बाद एचडीएफसी का पूरा होम लोन एचडीएफसी में ट्रांसफर होगा। अगर कोई ग्राहक होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स यानि ईबीएलआर से लिंक करना चाहेगा तो उसे यह विकल्प मिलेगा। एनबीएफसी कंपनी होने के कारण एचडीएफसी के ग्राहकों को यह सुविधा नहीं मिलती है। अभी इससे अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट घटाएगा तो लोन की ईएमआई भी कम हो जाएगी।
शेयर धारकों पर क्या होगा असर
एचडीएफसी ग्रुप के चेयरमैन दीपक पारेख ने मर्जर की तारीखों की घोषणा करते हुए बताया कि एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के बोर्ड मर्जर को मंजूरी देने के लिए 30 जून को बाजार बंद होने के बाद बैठक करेंगे। ग्रुप के वाइस वाइस.चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री के मुताबिक, एचडीएफसी स्टॉक डीलिस्टिंग 13 जुलाई 2023 से प्रभावी होगी। इसका मतलब है कि 13 जुलाई को ग्रुप की हाउसिंग फाइनेंस फर्म के शेयर स्टॉक एक्सचेंज से हट जाएंगे। एचडीएफसी लिमिटेड के हर एक शेयरधारक को उनके प्रत्येक 25 शेयर के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे।
ब्रांचों का होगा मर्जर
एचडीएफसी के पास पूरे देश में करीब 550 ब्रांच हैं, जबकि एचडीएफसी बैंक की कुल 9000 ब्रांच हैं। मर्जर के बाद एचडीएफसी के ग्राहक बैंक के किसी भी ब्रांच में जाकर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इसका मतलब अब उन्हें ज्यदा सुविधा मिलेगी।
पुराने FD ग्राहकों का क्या होगा
मर्जर से एफडी यानि फिक्स्ड डिपॉजिट के ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जो एफडी चल रही है उसके मैच्योर होने के बाद उसका भुगतान कर दिया जाता है। एचडीएफसी की तरफ से उन्हें पुराने करार के हिसाब से ब्याज का भुगतान होता रहेगा। एफडी मैच्योर हो जाने पर ग्राहकों को पैसा निकालने की सुविधा मिलेगी। अगर कोई ग्राहक उसे जारी रखना चाहता है तो एचडीएफसी बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट पर जो ब्याज ऑफर मिलता है, वह नए ग्राहकों को भी मिलेगा।
कितनी हैं एफडी की दरें
एचडीएफसी लिमिटेड एक एनबीएफसी है। अमूमन एफडी निवेशकों को ज्यादा ब्याज देती है। ऐसे में मर्जर से यहां नुकसान हो सकता हैै। एचडीएफसी लिमिटेड 12 से 120 महीने के एफडी पर 6.56 फीसदी से 7.21 फीसदी तक ब्याज देती है। वहीं एचडीएफसी बैंक की बात करें तो 7 दिनों से 10 साल तक के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 3 फीसदी से 7.25 फीसदी तक का ब्याज देती है। हालांकि एचडीएफसी बैंक अपने ग्राहकों को 5 लाख रुपए तक डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर देता है।