![वित्त मंत्री ने कहा कि जी20 या संयुक्त राष्ट्र जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म अब संस्थानों में सुधार के लिए](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/paisa-new-lazy-big-min.jpg)
दुनिया के कई देश भारत के साथ भारतीय मुद्रा यानी रुपये में कारोबार करने की इच्छा रखते हैं। इतना ही नहीं कई देश भारत के साथ इस बारे में बातचीत भी कर रहे हैं। यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कही। वित्त मंत्री ने कहा कि देश की बुनियाद मजबूत है और भारतीय मुद्रा ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले लगभग स्थिर है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने निजी निवेश के लिए हर क्षेत्र को खोल दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले स्थिर रहा है रुपया
खबर के मुताबिक, देश नए साधनों का इस्तेमाल करके आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, सेमीकंडक्टर और मैनुफैक्चरिंग जैसे उभरते क्षेत्रों को राजकोषीय और नीतिगत समर्थन देगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर को छोड़कर, जिसमें अस्थिरता थी, भारतीय रुपया ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले स्थिर रहा है। सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पंडित हृदय नाथ कुंजरू मेमोरियल व्याख्यान 2024 में कहा कि यही वजह है कि आज कई देश रुपये में व्यापार करना चाहते हैं।
व्यापार में शुरुआती समस्याएं हो सकती हैं
सीतारमण ने कहा कि रुपये के व्यापार में शुरुआती समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इससे डॉलर की कमी वाले देशों को मदद मिल रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि जी20 या संयुक्त राष्ट्र जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म अब संस्थानों में सुधार के लिए भारत की बात सुन रहे हैं। यह उभरते वैश्विक परिदृश्य में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
सीतारमण ने अपने पूर्व संस्थान को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में, जेएनयू ने मुझे अखिल भारतीय अनुभव दिया। इससे मुझे एक विद्यार्थी के रूप में बेहतर बनने में मदद मिली। यह पुरानी यादों को ताजा करने वाली यात्रा थी। सीतारमण ने जेएनयू में 'स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज' और 'स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज' से क्रमशः एमए और एमफिल किया है। भारतीय मुद्रा की पहचान ग्लोबल लेवल पर हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है।