Highlights
- भारत में हर साल 2.1 से 2.3 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन होता है
- उत्तर प्रदेश में सालाना 45 लाख टन आम की पैदावार होती है
- गर्मी और लू के कारण 80 फीसदी फसल खराब हो गई है
आम लोग इस समय महंगाई (Inflation) और भीषण गर्मी से बेहाल हैं। लेकिन अब ये गर्मी महंगाई की नई आग लेकर आई है। यदि आप ये सोच रहे हैं कि इस गर्मी में ठंडे ठंडे आम (Mango) से आप राहत पाएंगे तो यहां भी लू और गर्मी की मार पड़ी है।
इस साल जल्दी शुरू हुई गर्मी और लू से आम और टमाटर (Tomato) की फसल बड़े पैमाने पर बरबाद हो गई है। जिसके चलते जहां टमाटर देश के कई हिस्सों में 100 के पार बिक रहा है। वहीं आम की कीमत 100 से नीचे आने का नाम नहीं ले रही है।
यूपी में 80 प्रतिशत फसल खराब
जानकारों के अनुसार इस साल आम और टमाटर की बदहाली का प्रमुख कारण समय से पहले गर्मी और लू चलना है। इससे देश में आम के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 80 फीसदी फसल खराब हो गई है। यूपी के दशहरी आम पर लू की सबसे बुरी मार पड़ी है। इससे यदि आप आम की कीमतें कम होने का इंतजार कर रहे थे तो भूल जाइए, क्योंकि दाम इस साल तो कम होने से रहे। इतना ही नहीं किसानों के लिए आम का निर्यात (Mango Export) भी प्रभावित होने की आशंका है।
लू ने बिगाड़ा खेल
उत्तर प्रदेश देश का सबसे प्रमुख आम उत्पादक राज्य है। लेकिन इस साल होली के बाद से शुरू हुई गरमी की वजह से आम के पेड़ में बौर आया नहीं, जो आया वह खराब हो गया। फिलहाल दिल्ली और यूपी के बाजारों में आम की कीमत 100 रुपये किलो के पार चली गई है।
टमाटर भी लाल
आम तो आम अब आपको टमाटर के लिए भी इस गर्मी में परेशान होना पड़ेगा। देश में हर साल 2.1 से 2.3 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन होता है। लेकिन आम की तरह ही टमाटर की फसल भी काफी हद तक बरबाद हो गई है। किसानों के मुताबिक इस बार एक तिहाई उत्पादन ही हुआ है। आजादपुर मंडी के कारोबारी अब्दुल अंसारी बताते हैं कि गर्मी की वजह से टमाटर की कम आवक हो रही है। बिहार और झारखंड में टमाटर की फसल पकने में अभी एक सवा महीना लगेगा। ऐसे में जुलाई में जाकर नई फसल के आने पर दाम कम हो पाएंगे।