मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3.14 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के लिए बजट में आठ हजार करोड़ का प्रावधान किया है। प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसके मद्देनजर इस घोषणा को अहम माना जा रहा है। दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस ने रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर विधानसभा से बहिर्गमन किया। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में पेश बजट में किसी नए कर की घोषणा नहीं की। उन्होंने इसे ‘जनता का बजट’ बताया। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, लाडली बहना योजना प्रदेश में पांच मार्च से लागू होगी। इस योजना के तहत आयकर नहीं देने वाली महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
पेयजल मिशन पर सरकार का जोर
देवड़ा ने कहा कि बजट में अनुसूचित जनजाति (उप योजना) के लिए 36,950.16 करोड़ रुपये, अनुसूचित जाति (उप योजना) के लिए 2,60,86.81 करोड़ रुपये, सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना के लिए 11,406 करोड़ रुपये, माध्यमिक शालाओं के लिए 6,728 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के तहत 7,332 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 15वें वित्त आयोग के अनुसार अपेक्षित सुधार करने पर सहायता को 6,935 करोड़ रुपये का प्रावधान है। एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्षी कांग्रेस सदस्यों के हंगामे और वॉकआउट के बीच देवड़ा ने प्रदेश का बजट पेश किया। उन्होंने कहा, कुल विनियोग की राशि 3,14,024.84 करोड़ रुपये है जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है तथा कुल शुद्ध व्यय 2,81,553.62 करोड़ रुपये का है।
आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई
मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को ध्यान में रखते हुए बजट में विभिन्न योजनाएं मिशन के रूप में तैयार की गई हैं। उन्होंने इसे जनता का बजट बताते हुए कहा कि बजट तैयार करने में विभिन्न माध्यमों से जनता के सुझाव प्राप्त कर उन्हें इसमें शामिल करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में राजस्व आधिक्य 412.76 करोड़ रुपये है और राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.02 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा, अनुमानित राजस्व प्राप्तियां 2,25,709.90 करोड़ रुपये हैं जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि 86,499.98 करोड़ रुपये, केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 80,183.67 करोड़ रुपये, करेत्तर राजस्व 14,913.10 करोड़ रुपये और केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान 44,113.15 करोड़ रुपये शामिल है।