Highlights
- मंगलवार सुबह रसोई गैस की कीमतें एक साथ 50 रुपये बढ़ा दी गईं
- बीते साल अक्टूबर के बाद से पहली बार कीमतों में बढ़ोत्तरी की गई
- अप्रैल का महीना भारत के लिए महंगाई लेकर आ सकता है
LPG gas price hike: देश के पांच राज्यों में चुनाव खत्म होने के करीब 13 दिन बाद आम आदमी पर महंगाई की पहली और सबसे जोरदार मार पड़ी है। मंगलवार सुबह रसोई गैस की कीमतें एक साथ 50 रुपये बढ़ा दी गईं। राहत की बात सिर्फ इतनी है कि बीते साल अक्टूबर के बाद से पहली बार कीमतों में बढ़ोत्तरी की गई है। कीमतों में ताजा बढ़ोत्तरी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैस के बढ़ते दाम को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
जानकारों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नैचुरल गैस की बढ़ती कीमतों ने मार्च में महंगाई बम फटने का पूरा बारूद तैयार कर रखा था। उस पर रूस यूक्रेन संकट की चिंगारी ने कीमतों में विस्फोट कर दिया है। बता दें कि कोरोना संकट शुरू होने के बाद से ही गैस आपकी जेब को खाक कर रही है। वहीं रूसी संकट से यूरोप से लेकर अमेरिका तक गैस के संकट से डरे हुए हैं। भारत में भी अप्रैल से कीमतें डबल होना अब तय माना जा रहा है।
जानिए कब कब और कितने कितने बढ़े दाम
कब कब बढ़े दाम | कितने बढ़े दाम |
July 1, 2020 | 594 |
December 2, 2020 | 644 |
December 15, 2020 | 694 |
February 4, 2021 | 719 |
February 15, 2021 | 769 |
February 25, 2021 | 794 |
March 1, 2021 | 819 |
April 1, 2021 | 809 |
July 1, 2021 | 834.50 |
August 17, 2021 | 859.50 |
September 1, 2021 | 884.50 |
October 6, 2021 | 899.50 |
March 22, 2022 | 849 |
अप्रैल में डबल हो सकती हैं कीमतें
दुनियाभर में गैस की भारी किल्लत के चलते अप्रैल का महीना भारत के लिए महंगाई लेकर आ सकता है। सरकार हर साल अप्रैल और अक्टूबर में नेचुरल गैस की कीमतों का निर्धारण करती है। अप्रैल की कीमत जनवरी से दिसंबर 2021 की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर आधारित होगी। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि सरकार नेचुरल गैस की घरेलू कीमतों में बदलाव करेगी। इंडस्ट्री के जानकारों और एनालिस्ट्स का कहना है कि इसे 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 6 से 7 डॉलर किया जा सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज कह रही है कि गहरे समुद्र से निकलने वाली गैस की कीमत 6.13 डॉलर से बढ़कर करीब 10 डॉलर हो जाएगी।
आपकी जेब पर पड़ेगा बुरा असर
विशेषज्ञों के अनुसार देश में गैस की कीमत दोगुना हो सकती है। इसका असर घरेलू गैस सिलेंडर के साथ ही सीएनजी और पीएनजी की कीमतों पर पड़ेगा। वहीं बिजली और फर्टिलाइजर पर सब्सिडी का खर्च भी सरकार की बैलेंस शीट खराब कर सकता है। ऐसे में सरकार के पास एकमात्र जरिया आप पर टैक्स बढ़ाना ही बचेगा।