Wednesday, December 04, 2024
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जल्द ही सस्ता होगा लोन! जानें ब्याज दरों में कितनी कटौती कर सकता है RBI

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक 4 से 6 दिसंबर को होने वाली है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कमेटी के फैसले की घोषणा 6 दिसंबर को करेंगे।

Edited By: Sunil Chaurasia
Published : Dec 03, 2024 7:33 IST, Updated : Dec 03, 2024 7:33 IST
6 दिसंबर को एमपीसी में हुए फैसलों का ऐलान करेंगे शक्तिकांत दास- India TV Paisa
Photo:PTI 6 दिसंबर को एमपीसी में हुए फैसलों का ऐलान करेंगे शक्तिकांत दास

एक्सपर्ट्स ने भारतीय रिजर्व बैंक को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के कमजोर आंकड़ों पर ‘जल्दबाजी में आकर कोई प्रतिक्रिया देने’ से बचने की सलाह दी है। एक्सपर्ट्स ने सोमवार को संभावना जताते हुए कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की फरवरी में होने वाली मीटिंग में ही ब्याज दर में कटौती हो सकती है। आरबीआई इस हफ्ते शुक्रवार को लगातार 11वीं बार रेपो रेट को बिना किसी बदलाव के 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रख सकता है। हालांकि, कम से कम दो एक्सपर्ट्स का कहना है कि वह नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती कर सकता है या नकदी की स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक के पास जमा राशि के अनुपात में बदलाव कर सकता है। 

6 दिसंबर को एमपीसी में हुए फैसलों का ऐलान करेंगे शक्तिकांत दास

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक 4 से 6 दिसंबर को होने वाली है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कमेटी के फैसले की घोषणा 6 दिसंबर को करेंगे। लगभग सभी विश्लेषकों ने चालू वित्त वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधित कर दिया है। कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि ये 6.3 प्रतिशत तक आ जाएगी, जबकि केंद्रीय बैंक ने 7.2 प्रतिशत का अनुमान जताया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों ने कहा, “ये बेहतर है कि दूसरी तिमाही के ग्रोथ के आंकड़े को देखते हुए मौद्रिक नीति के स्तर पर ब्याज दर में कटौती जैसी ‘जल्दबाजी में आकर कोई प्रतिक्रिया’ न हो। इसका कारण सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति अभी भी असहज स्तर पर बनी हुई है, हालांकि नवंबर से इसमें नरमी आने की उम्मीद है।”

ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है आरबीआई

हालांकि, उन्होंने कहा कि आरबीआई को अपनी नकदी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत है। जर्मन ब्रोकरेज कंपनी डॉयचे बैंक के अर्थशास्त्रियों ने भी फरवरी में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद जताई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में सीआरआर में कटौती करना ‘सही’ है। एचएसबीसी के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति की फरवरी और अप्रैल में होने वाली मीटिंग में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा ग्लोबल रिसर्च ने भी कहा कि सकल महंगाई 6 प्रतिशत के लक्ष्य से ज्यादा होने का हवाला देते हुए आरबीआई शुक्रवार को रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखेगा।

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