Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Loan Fraud : App पर झटपट लोन का दौर अब खत्म, RBI ने जारी किए डिजिटल ऋण पर चलाया हंटर

Loan Fraud : App पर झटपट लोन का दौर अब खत्म, RBI ने जारी किए डिजिटल ऋण पर चलाया हंटर

आरबीआई ने कहा कि क्रेडिट मध्यस्थता प्रक्रिया में लोन सर्विस प्रोवाइडर्स (SLP) को देय शुल्क का भुगतान कर्ज लेने वालों को नहीं, बल्कि डिजिटल ऋण देने वाली संस्थाओं को करना चाहिए।

Written By: Indiatv Paisa Desk
Published on: August 10, 2022 19:30 IST
Digital Loan- India TV Paisa
Digital Loan

Loan Fraud : देश भर में एप बेस्ट इंस्टेंट लोन (App Based Digital Loan)  के गंदे कारोबार पर अब RBI ने हंटर चला दिया है। अब डिजिटल ऋण देना कंपनियों के लिए काफी मुश्किल हो जाएगा। रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने डिजिटल लोन के लिए सख्त नियम बनाए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को डिजिटल ऋण देने के लिए सख्त मानदंड जारी किए। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल ऋण सीधे कर्ज लेने वालों के बैंक खातों में जमा किया जाना चाहिए, न कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से। 

आरबीआई ने कहा कि क्रेडिट मध्यस्थता प्रक्रिया में लोन सर्विस प्रोवाइडर्स (LSP) को देय शुल्क का भुगतान कर्ज लेने वालों को नहीं, बल्कि डिजिटल ऋण देने वाली संस्थाओं को करना चाहिए। आरबीआई ने डिजिटल उधार के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करते हुए मुख्य रूप से तीसरे पक्ष के बेलगाम जुड़ाव, गलत बिक्री, डेटा गोपनीयता का उल्लंघन, अनुचित व्यावसायिक आचरण, अत्यधिक ब्याज दरों और अनैतिक वसूली प्रथाओं से संबंधित चिंताओं का उल्लेख किया। 

आरबीआई ने 13 जनवरी 2021 को ‘ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप्लिकेशन के जरिए ऋण देने सहित डिजिटल उधार’ (डब्ल्यूजीडीएल) पर एक कार्य समूह का गठन किया था। केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि नियामक चिंताओं को कम करते हुए डिजिटल ऋण विधियों के जरिए कर्ज देने के व्यवस्थित वृद्धि का समर्थन करने के लिए नियामक ढांचे को मजबूत किया गया है। यह नियामक ढांचा इस सिद्धांत पर आधारित है कि उधार देने का व्यवसाय सिर्फ ऐसी संस्थाओं द्वारा किया जाए, जो या तो रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित हैं या जिन्हें किसी अन्य कानून के तहत ऐसा करने की अनुमति मिली है।

कैसे फंसाते हैं ये एप

अक्सर देखा गया है कि लोन एप फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया पर लोगों के साथ कनेक्ट करते हैं। चूंकि लोग अपना ज्यादातर समय इसी पर बिताते हैं तो इन्हें कस्टमर प्राप्त करने में मुश्किल भी नहीं होती। साथ ही ये बिना कागजात कुछ मिनटों में लोन का वादा करते हैं, जिससे लोग बिना शर्तें जानें इनके पास चले जाते हैं। आमतौर पर ये एप कुछ इन तरीकों से लोगों को फंसाते हैं। 

  • ये एप अपने विज्ञापन में बैंक से आसान प्रक्रिया का भरोसा दिलाते हैं। अक्सर ये मोबाइल पर फोन कर आपसे कनेक्ट करते हैं। 
  • अक्सर देखा गया है कि इन एप पर आपके केवाईसी डॉक्यूमेंट वेरिफाई किए बिना ही लोन दे देते हैं। 
  • इन कंपनियों का जाल कोरोना के दौरान काफी फैला क्योंकि लोगों के लिए यह समय आर्थिक तंगी का था।
  • इंस्टेंट लोन देने वाली ये एप आपसे गारंटी भी नहीं मांगती। ऐसे में युवा आसानी से इस ओर आकर्षित हो जाते हैं। 

ये है फ्रॉड के आम तरीके 

  • ये कंपनियां क्रेडिट कार्ड कंपनियों और सिबिल कंपनियों से ऐसे लोगों को हिट करती हैं जिनकी आर्थिक हालात ठीक नहीं है।
  • ये उन जगहों से मोबाइल नंबर जुटाते हैं जहां निम्न मध्यम या मध्यम वर्ग के लोग समूह में आते हैं जैसे फैक्टरी या फिर स्कूल
  • ये अक्सर छोटी रकम के लिए लोन आफर करते हैं जैसे मोबाइल की खरीद या फिर 5000 से 10000 के पर्सनल लोन।
  • एक बार फंसने के बाद ये 500% की दर से भी ब्याज वसूलते हैं। 
  • कई बार ये पूरा पैसा भी आपके खाते में नहीं डालते, बल्कि 3 से 5 किस्तें पहले ही अपने पास रख लेते हैं
  • ये आपके कॉन्टेक्ट और फोटो वीडियो एक्सेस कर लेते हैं, और इसके साथ ब्लैकमेंलिंग करते हैं

कैसे रहे सुरक्षित

  • सिर्फ बैंक या रजिस्टर्ड गैर वित्तीय संस्था से ही लोन लें
  • लोन लेने से पहले रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर जाकर उस कंपनी की प्रमाणिकता जांच लें
  • कोई भी यदि बिना कागजात लोन दे रहा है तो मान लीजिए वह फर्जी ही है
  • लोन कंपनी यदि प्रताड़ित करे तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें

RBI की वेबसाइट पर है लिस्ट 

अगर आप फेसबुक या इंटरनेट पर कहीं भी लोन पेशकश देखकर लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो बेहतर है कि आप पहले रिजर्व बैंक पर जाकर रजिस्टर्ड लैंडर्स की लिस्ट देख लें। रिजर्व बैंक ने आपकी सहूलियत के लिए उन ऐपों की एक सूची प्रकाशित की है, जो आरबीआई साथ पंजीकृत हैं। 

फर्जी एप्स के चलते आत्महत्या को हुए मजबूर

गौरतलब है कि हाल के दिनों में कथित आत्महत्याओं की एक श्रृंखला रही है। इसका जिम्मेदार डिजिटल ऋण देने वाले ऐप की ओर से काम कर रहे या ऋण वसूली कर रहे एजेंटों द्वारा किए गए ग्राहकों के उत्पीड़न को ठहराया गया है। उधार लेते समय उधारकर्ता अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे टेलीफोन की संपर्क पुस्तिका साझा करने के लिए सहमति देता है, जो उन्हें एक ऐसी स्थिति की ओर ले जाता है जहां उधारकर्ता को उसके परिचित व्यक्ति के सामने बदनाम किया जाता है, जो उन्हें इस जोखिम कदम की ओर ले जाता है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement