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Loan Apps: कर्ज देने वाले ऐप की धमकियां बनीं जानलेवा, जानिए फिर भी सख्त कार्रवाई के पक्ष में क्यों नहीं RBI गवर्नर?

केंद्रीय बैंक के गवर्नर का यह बयान हाल की घटनाओं को देखते हुए महत्वपूर्ण है। ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें इन ऐप के माध्यम से कर्ज लेने वाले कुछ लोग आत्महत्या करने के लिये मजबूर हो गये।

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: September 20, 2022 20:32 IST
Shaktikant Das- India TV Paisa
Photo:PTI Shaktikant Das

Loan Apps: इंटरनेट पर कर्ज देने वाली एप्स के उत्पीड़न से जुड़े मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास इन एप्स पर कार्रवाई के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रहे कर्ज देने वाले ऐप और उनके द्वारा ऊंचा ब्याज वसूलने को लेकर आगाह किया है। हालांकि, उन्होंने यह कहा कि केंद्रीय बैंक की इन इकाइयों को दंडित करने या इस क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन को दबाने की रुचि नहीं है, लेकिन इनमें नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित होना चाहिए। 

वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का परिचालकों को दंडित करने या इस क्षेत्र में हो रहे इनोवेशन को दबाने को लेकर रुचि नहीं है लेकिन नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित होना चाहिए। केंद्रीय बैंक के गवर्नर का यह बयान हाल की घटनाओं को देखते हुए महत्वपूर्ण है। ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें इन ऐप के माध्यम से कर्ज लेने वाले कुछ लोग आत्महत्या करने के लिये मजबूर हो गये। 

झारखंड से आया दिल दहला देने वाला मामला 

पिछले सप्ताह झारखंड में एक युवा गर्भवती महिला की महिंद्रा फाइनेंस के ‘रिकवरी एजेंट’ ने ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी थी। ट्रैक्टर उसके पिता ने कर्ज पर लिया था और किस्त समय पर नहीं चुकाने को लेकर एजेंट उसे लेने आए थे। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने नियमों में कई बदलाव किये हैं। इसमें अन्य बातों के अलावा कर्ज देने वाले ऐप को शुरू में ही यह बताना जरूरी है कि उन्होंने किस एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) या बैंक की तरफ से यह कर्ज दिया है। 

जिम्मेदार इनोवेशन की जरूरत

रिजर्व बैंक हमेशा डिजिटल तरीके से कर्ज देने का समर्थक रहा है और इसका स्वागत करेगा। अगर आप एक कदम उठाते हैं, हम वास्तव में इसपर चर्चा के लिये दो कदम उठाने को तैयार हैं। लेकिन इस प्रकार के इनोवेशन को भी जिम्मेदार होना चाहिए और उपभोक्ता को लाभ पहुंचाने के साथ वित्तीय प्रणाली की दक्षता और मजबूती को बढ़ाना चाहिए।’’ दास ने कहा, ‘‘मजबूत आंतरिक उत्पाद और सेवा आश्वासन रूपरेखा के साथ निष्पक्ष तथा पारदर्शी संचालन व्यवस्था ग्राहकों के हित में है। साथ ही यह वित्तीय प्रौद्योगिकी इकाइयों के लिये भी फायदेमंद है।’’

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