कोरोना महामारी के बाद घर की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके चलते कीमत में भी उछाल आया है। फ्लैट के दाम बढ़ने के बाद एक बार फिर चर्चा का बाजार गर्म है कि मौजूदा समय में किराये पर रहना फायदेमंद है या अपना घर खरीदना। अगर आप भी किराये पर रहने या खरीदने के बीच उहापोह की स्थिति में हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको 15 साल के लिए खरीदने बनाम रेंट का पूरा कैलकुलेशन बता रहें कि कौन बेहतर होगा? इसको पढ़कर आप आसानी से फैसला ले पाएंग।
लंबी अवधि के लिए घर खरीदना हमेशा फायदेमंद
जानकारों का कहना है कि अगर आप किसी शहर में 9 साल या उससे अधिक सयम के लिए रहने की सोच रहें तो आपको रेंट की बजाय घर खरीदने पर विचार करना चाहिए। एक आकलन के अनुसार 9 साल से अधिक किसी भी प्राॅपर्टी को रेंट पर लेना, उसे खरीदने से अधिक महंगा पड़ता है। आप नीचे क ग्राफ को देखकर यह सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि शुरुआती के 8 साल तक खरीदने से बेहतर रेंट पर रहना होता है। हालांकि, उससे आगे के साल में खरीदना फायदेमेंद हो जाता है। अगर आप 15 साल के पीरियड को कैलकुलेट करें तो 50 लाख के 2बीएचके फ्ैलैट को खरीदने की लागत करीब 94 लाख रुपये आएगी। वहीं, 17 हजार रुपये प्रति महीने के रेंट से आप 15 सल में करीब 60 लाख चुकाएंगे। इस तरह आप 30 लाख रुपये अधिक चुकाकर अपना घर खरीद लेंगे। आने वाले समय में प्राॅपर्टी की कीमत में बढ़ोतरी का अलग से फायदा मिलेगा। नीचे के ग्राफ देकर आप खुद से आकलन करें।
रेंट के मुकाबले घर खरीदने के ये भी फायदे
भारत में हर कोई अपने घर का सपना देखता है। अपने घर के साथ एक भावनात्मक लगाव होता है। जब आप घर खरीद लेते हैं तो उसे अपने तरीके से डेकोरेट कर लेते हैं। इसके साथ ही रेंट पर रहने पर बार-बार मकान बदलने का झंझट नहीं होता है। इसके साथ ही पैकर्स एंड मूवर्स समेत कई खर्च बच जाते हैं। घर खरीदने पर आयकर में छूट भी मिलती है। आयकर की धारा 80सी और 24बी के तहत होम लोन और मूलधन पर छूट मिलती है।
सिप का गणित सही नहीं
आज कल चर्चा का बाजार गर्म है कि मकान नहीं खरीद कर, उस रकम का सिप करा लें। सिप पर आपको 20 साल में ज्यादा रिटर्न मिलेगा और आप रिटायरमेंट के समय कई मकान खरीद लेंगे। हालांकि, कई वित्तीय जानकारों का कहना है कि यह सही नहीं है। हर इंसान के जिंदगी में घर की अपनी अहमियत है। उसे किसी दूसरे से तुलना नहीं किया जा सकता है। इसलिए अगर आपके पास पैसे हैं तो घर लेना हमेशा सही फैसला होता है।