EV Industry India: भारत एक ऐसा देश है, जहां कि मिट्टी में जरूरत की लगभग चीजें मिल जाती है। कुछ दिन पहले तक जिस लिथियम के लिए हमारी सरकार परेशानी होती दिखती थी। आज उसका हल मिल गया है। दरअसल, इंडिया ईवी इंडस्ट्री को प्रमोट कर रहा है ताकि पेट्रोल और डीजल से निर्भरता कम हो सके। क्योंकि यह प्रदूषण के सबसे बड़े कारण में से एक हैं। अगर गाड़ियां ईवी से चलेंगी तो इससे होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। व्हीकल को ईवी से चलने में सबसे बड़ी भूमिका निभाती है, उसमें लगाई जाने वाली बैटरी और बैटरी बनाने के लिए लिथियम की जरूरत पड़ती है। भारत में आवश्यकतानुसार लिथियम की उपलब्धता नहीं है। हमें विदेशों से आयात करना पड़ रहा है। अब इससे राहत मिलेगी, क्योंकि लिथियम का बड़ा भंडार अब इंडिया में ही मिल गया है। सरकार ने पहली बार जम्मू-कश्मीर में लिथियम और सोने के भंडार पाए हैं। खान मंत्रालय को रियासी जिले के सलाल-हैमाना इलाके में करीब 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है। गुरुवार को हुई 62वीं सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की बैठक के दौरान 15 अन्य संसाधनों वाली भूवैज्ञानिक रिपोर्ट और 35 भूवैज्ञानिक ज्ञापनों के साथ यह रिपोर्ट संबंधित राज्य सरकारों को सौंपी गई।
इन राज्यों से भी आई खबर
इन 51 खनिज ब्लॉकों में से पांच ब्लॉक सोने से संबंधित हैं और अन्य ब्लॉक पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल आदि वस्तुओं से संबंधित हैं, जो 11 राज्यों जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना में फैले हुए हैं। यह ब्लॉक भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा 2018-19 से अब तक के फील्ड सीजन में किए गए कार्य के आधार पर तैयार किए गए थे। इनके अलावा 7,897 मिलियन टन के कुल संसाधन वाले कोयले और लिग्नाइट की 17 रिपोर्टें भी कोयला मंत्रालय को सौंपी गईं। बैठक के दौरान विभिन्न विषयों और हस्तक्षेप क्षेत्रों जिसमें जीएसआई संचालित होता है, पर सात प्रकाशन भी जारी किए गए। बैठक के दौरान आगामी फील्ड सीजन 2023-24 के लिए प्रस्तावित वार्षिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया और चर्चा की गई। 2023-24 के दौरान, जीएसआई ने 12 समुद्री खनिज जांच परियोजनाओं सहित 318 खनिज अन्वेषण परियोजनाओं सहित 966 कार्यक्रमों को शुरू करने की योजना बनाई है। रणनीतिक-महत्वपूर्ण और उर्वरक खनिजों की खोज पर विशेष बल दिया गया है।
सीजीपीबी जीएसआई का एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसमें जीएसआई के वार्षिक क्षेत्र मौसम कार्यक्रम (एफएसपी) को तालमेल के लिए और काम के दोहराव से बचने के लिए चर्चा के लिए रखा गया है। सीजीपीबी के सदस्य और अन्य हितधारक जैसे राज्य सरकारें, केंद्र और राज्य सरकार खनिज अन्वेषण एजेंसियां, जीएसआई के साथ सहयोगात्मक कार्य के लिए अपने अनुरोध करते हैं। केंद्र द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं और सदस्यों और हितधारकों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों के महत्व और तात्कालिकता के आधार पर जीएसआई के वार्षिक कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाता है।