लैपटॉप (laptop) और कंप्यूटर (computer) जैसे आईटी हार्डवेयर प्रोडक्ट्स के लिए लाइसेंसिंग (Licensing for IT Hardware Products) स्टैंडर्ड में बदलाव किया है। सरकार की तरफ से ऐसे प्रोडक्ट्स के इम्पोर्टर्स के लिए एक ऑनलाइन मंजूरी प्रणाली स्थापित की गई है। विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) संतोष कुमार सारंगी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। नई लाइसेंसिंग (laptop computer import license) या मंजूरी व्यवस्था का मकसद ऐसे प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट की निगरानी करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विश्वसनीय स्रोतों से आ रहे हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, सरकार की ऑनलाइन मंजूरी प्रणाली सेटअप तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
‘एंड-टू-एंड’ ऑनलाइन सिस्टम की शुरुआत
खबर के मुताबिक, इम्पोर्ट पर अंकुश को लेकर हितधारकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं और इम्पोर्टर्स के लिए ‘एंड-टू-एंड’ ऑनलाइन सिस्टम की शुरुआत की गई है। सारंगी ने कहा कि यह सिस्टम इम्पोर्टर्स के लिए बिना कहीं जाए और बिना कॉन्टैक्ट डिटेल भरने की सुविधा उपलब्ध कराएगी। सरकार ने 4 अगस्त को घोषणा की थी कि घरेलू मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से आयात में कटौती करने के मकसद से इम्पोर्टर्स को 1 नवंबर से इन वस्तुओं के आयात के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी। नई लाइसेंस व्यवस्था भारत की विश्वसनीय सप्लाई चेन सुनिश्चित करने के लिए लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर सहित), माइक्रो कंप्यूटर, बड़े या मेनफ्रेम कंप्यूटर और कुछ डेटा प्रोसेसिंग मशीनों पर लागू है।
एप्लीकेशन प्रोसेस में करीब 10 मिनट का समय लगेगा
डीजीएफटी (DGFT) ने कहा कि एक इम्पोर्टर अभी से इम्पोर्ट का लाइसेंस हासिल करने के लिए सिस्टम पर अप्लाई कर सकता है। इसमें क्वांटिटी, मूल्य या किसी देश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। नए सिस्टम की तैयारी में राजस्व विभाग भी शामिल है और पूरे एप्लीकेशन प्रोसेस में करीब 10 मिनट का समय लगेगा और आसान लाइसेंस (laptop computer import license) ऑटोमैटिक तरीके से जारी कर दिया जाएगा। सारंगी ने कहा कि रिजेक्टेड एनटिटी लिस्ट’ में शामिल कंपनियों को लाइसेंस नहीं मिलेगा। पुराना सामान या अपडेटेड वस्तुओं का इम्पोर्ट करने की इच्छुक कंपनियों को भी इस लाइसेंस के लिए अप्लाई करने की परमिशन नहीं होगी।