Adani Crisis: अडानी समूह में जब से हिंडनबर्ग का संकट आया है तब से इस समूह की कंपनियों में 30 हजार करोड़ का निवेश करने वाली सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) टेंशन में है। कंपनी की टेंशन इस हफ्ते की शुरुआत में तब और बढ़ गई जब कंपनी में उसके शेयर का मूल्य उसके मूल निवेश से भी कम हो गया। लेकिन अडानी के शेयरों में लगातार तीन दिनों में आई ताबड़तोड़ तेजी ने एलआईसी को राहत भरी सांस लेने की मोहलत दी है। अडानी के शेयरों में तेजी से उसका निवेश एक बार फिर मुनाफेमंद हो गया है।
बता दें कि अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से सात में LIC ने निवेश किया है। शेयर बाजारों से मिली जानकारी के मुताबिक एलआईसी की अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में 1.28 प्रतिशत से लेकर अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड में 9.14 प्रतिशत तक हिस्सेदारी है।
अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की, जिसके बाद अडाणी समूह के शेयरों की भारी गिरावट का सामना करना पड़ा। इसके चलते समूह में एलआईसी का निवेश एक सप्ताह पहले नकारात्मक हो गया था। अडाणी समूह में एलआईसी के निवेश का मूल्य 24 फरवरी को घटकर 29,893.13 करोड़ रुपये रह गया, जबकि इनका खरीद मूल्य 30,127 करोड़ रुपये था।
अडाणी समूह के शेयरों में आई हालिया तेजी के बाद हालात बदल गए। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी के निवेश का मूल्य शुक्रवार के बंद भाव पर 39,068.34 करोड़ रुपये है। इस तरह एलआईसी को करीब 9,000 करोड़ रुपये का लाभ हो रहा है। अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट से एलआईसी के निवेश के फैसले पर कुछ सवाल उठे थे।