Highlights
- IPO का प्राइस बैंड 940 रुपये से 1000 रुपये रखा जा सकता है
- पॉलिसी होल्डर को आईपीओ पर 10% की छूट मिल सकती है
- रिटेल निवेशकों को भी आईपीओ प्राइस बैंड में छूट संभव
नई दिल्ली। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) बोर्ड की अहम बैठक आज होने जा रही है। इस बोर्ड बैठक में एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लॉन्च करने की तारीख, पॉलिसी होल्डर्स, कर्मचारियों और रिटेल निवेशकों को दी जाने वाली छूट पर फैसला किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, जीवन बीमा के पॉलिसी होल्डर को आईपीओ प्राइस बैंड पर 10% की छूट मिल सकती है। साथ ही रिटेल निवेशकों को भी आईपीओ में छूट देने का फैसला हो सकता है। आज ही अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी डीआरएचपी (DRHP) पूंजी बाजार नियामक के पास फाइल किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, एलआईसी का आईपीओ चार मई को आएगा और नौ मई को बंद होगा।
प्राइस बैंड 940 रुपये से 1000 रुपये तक संभव
इंडिया इंफोलाइन के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि एलआईसी आईपीओ में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए IPO का प्राइस बैंड 940 रुपये से 1000 रुपये रखा जा सकता है। दरअसल, सरकार LIC की वैल्यूएशन 6 लाख करोड़ रुपये रह सकती है, जो उसकी 5.4 लाख करोड़ रुपये की एम्बेडेड वैल्यू से 1.1 गुनी है। इससे आईपीओ का प्राइस बैंड कम करने में मदद मिलेगी। पहले आईपीओ का प्राइस बैंड 1550 रुपये से लेकर 1700 रुपये तक रखने की तैयारी थी। हालांकि, बाजार के बदले हालात को देखते हुए प्राइस बैंड को कम किया जा सकता है। साथ ही आज बोर्ड बैठक में न सिर्फ पॉलिसी होल्डर, कर्मचारी बल्कि रिटेल निवेशकों को भी आईपीओ प्राइस बैंड में छूट देने का ऐलान हो सकता है।
आईपीओ अलॉटमेंट होने की कितनी उम्मीद?
शेयर बाजार के एक एक्सपर्ट ने बताया कि किसी भी आईपीओ में अलॉटमेंट की पूरी उम्मीद नहीं होती है। हालांकि, एलआईसी में सरकार का जोर रिटेल निवेशकों को अधिक से अधिक आईपीओ अलॉट करने का है। ऐसे में उम्मीद है कि बहुत सारे छोटे निवेशकों को आईपीओ मिल जाए। उन्होंने बताया कि पहले सरकार ने सरकार ने फरवरी में एलआईसी में पांच फीसदी हिस्सेदारी या 31.6 करोड़ शेयर बेचने की योजना बनाई थी। अब इसे घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया है। इसके बावजूद 20 करोड़ से अधिक शेयर बिक्री के लिए उपब्लध होंगे।
आईपीओ से 21,000 करोड़ जुटने की उम्मीद
सरकारी को एलआईसी में हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है। सरकार ने विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) नियमों में संशोधन किया है। इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का रास्ता खुल गया है।
पारिवारिक बचत की सबसे बड़ी कंपनी
एलआईसी न सिर्फ सरकारी प्रतिभूतियों की सबसे बड़ी धारक है बल्कि वह इक्विटी की सबसे बड़ी इकलौती मालिक और सबसे बड़ी फंड प्रबंधक होने के साथ पारिवारिक बचत की कंपनी भी है। स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी के पास कुल 80.7 लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों का करीब 17 प्रतिशत है। इक्विटी बाजार में भी एलआईसी की हिस्सेदारी करीब चार फीसदी है। एलआईसी के पास दिसंबर 2021 में आरआईएल में 10 प्रतिशत, टीसीएस, इंफोसिस एवं आईटीसी में पांच-पांच प्रतिशत और आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी और एसबीआई में चार-चार प्रतिशत हिस्सेदारी थी।