कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने मंगलवार को ब्याज दरें बढ़ाने के साथ ही अपने 5 करोड़ से अधिक अंशधारकों को बड़ा तोहफा दिया है। अब ईपीएफओ में योगदान देने वाले नौकरीपेशा लोग घर बैठे अपने खाते की विस्तृत जानकारी ले सकेंगे। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अंशधारकों के लिये ई-पासबुक सुविधा शुरू की। ईपीएफओ ने बयान में कहा कि इसके साथ सदस्य विस्तार से अपने खातों का विवरण देख सकेंगे।
जनवरी में जुड़े 14.86 लाख अंशधारक
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ ने इस साल जनवरी में 14.86 लाख अंशधारकों को जोड़ा। केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) के चेयरमैन की भी जिम्मेदारी निभा रहे यादव ने ईपीएफओ के 63 क्षेत्रीय कार्यालयों में शिशु पालना केंद्रों का उद्घाटन किया। ये पालना केंद्र उन क्षेत्रीय कार्यालयों में खोले गये हैं, जहां 100 से ज्यादा कर्मचारी हैं। इसके अलावा मंत्री ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में क्षेत्रीय कार्यालय के लिये आधारशिला रखी।
ईपीएफओ करेगा भौतिक विस्तार
न्यासी बोर्ड ने ईपीएफओ के भौतिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिये पांच साल की योजना को मंजूरी दी। इसमें 2,200 करोड़ रुपये की लागत से भूमि की खरीद, भवन निर्माण और विशेष मरम्मत शामिल है। बयान के अनुसार, बोर्ड को उच्च वेतन पर पेंशन के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुपालन की दिशा में उठाये गये कदमों के बारे में अवगत कराया गया।
ब्याज दर बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत की
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 2022-23 के लिए ब्याज दर मामूली रूप से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। ईपीएफओ अपने छह करोड़ से अधिक अंशधारकों के ईपीएफ पर 2021-22 के लिए ब्याज दर को घटाकर मार्च, 2022 में चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.10 प्रतिशत पर ले आया था। यह दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ प्रतिशत हुआ करती थी। 2020-21 में यह दर 8.5 प्रतिशत थी