EPFO मेंबर्स को जल्द ही श्रम मंत्रालय की ओर से बड़ा तोहफा मिल सकता है। दरअसल, श्रम मंत्रालय अधिक पेंशन के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों को ज्यादा अंशदान की अनुमति दे सकता है। इसके लिए मंत्रालय कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) में सुधार करने पर विचार कर रहा है। फिलहाल ईपीएफओ के सदस्यों के वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) का 12 प्रतिशत, ईपीएफ खाते में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 प्रतिशत ईपीएस-95 में जाता है, जबकि शेष 3.67 प्रतिशत ईपीएफ खाते में जमा किया जाता है। एक सूत्र ने कहा कि अगर सदस्य अपने ईपीएस-95 खाते में अधिक योगदान करते हैं तो उन्हें अधिक पेंशन मिलेगी। इसलिए, मंत्रालय ईपीएस में अधिक योगदान की अनुमति देने के विकल्पों पर विचार कर रहा है।
मोदी सरकार रोजगार सृजन पर जोर दे रही
कर्मचारियों को संशोधित ढांचे के तहत पेंशन लाभ बढ़ाने के लिए ईपीएस-95 में योगदान करने की भी अनुमति दी जा सकती है। सूत्र ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा लाभ में सुधार के अलावा नरेन्द्र मोदी सरकार देश में रोजगार सृजन पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि अनुमान के अनुसार एक करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से तीन से छह नौकरियों का सृजन होता है। सूत्र ने बताया कि 4.19 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और अनुमान है कि इससे 1.26 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित होंगी।
UAN को एक्टिवेट करने का निर्देश
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को नियोक्ताओं के साथ मिलकर अभियान चलाने और कर्मचारियों के यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) को एक्टिवेट करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने 21 नवंबर, 2024 को एक विज्ञप्ति में कहा कि पहले चरण में, नियोक्ताओं को चालू वित्त वर्ष में शामिल होने वाले अपने सभी कर्मचारियों के लिए आधार-आधारित ओटीपी के माध्यम से यूएएन एक्टिवेशन की प्रक्रिया 30 नवंबर 2024 तक पूरी करनी होगी, जिसकी शुरुआत हाल ही में शामिल हुए कर्मचारियों से होगी। इसके बाद उन्हें अपने साथ काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए प्रक्रिया पूरी करनी होगी।