देश में करप्शन को खत्म करने के लिए सरकारें अपनी ओर से काफी प्रयास कर रही हैं। इस मामले में हाल के दिनों में सबसे बड़ा प्रयास बेनामी लॉ को माना जा रहा है। देश में करप्शन पर लगाम लगाने में बेनामी कानून को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। लेकिन आम लोगों के लिए इस बेनामी कानून को समझ पाना काफी मुश्किल काम होता है। इसी मुश्किल को हल करने का एक प्रयास एक किताब के माध्यम से किया गया है। यह किताब है लेक्सिस नेक्सिस कॉम्प्रिहेंसिव गाइड ऑन बेनामी लॉ ;Lexis Nexis’s Comprehensive Guide on Benami Law । इसके लेखक जेएमआरके लीगल एसोसिएट्स' के संस्थापक राज कुमार नाहटा है।
एक पेशेवर वकील राज कुमार नाहटा ने इस किताब में बेनामी कानून से जुड़े प्रावधानों को बेहद रोचक तरीके से समझाया है। नाहटा का कहना है कि यह किताब बेनामी कानून और उसके न्यायशास्त्र के आसपास की जटिलताओं पर एक व्यापक गाइड है। इसके जरिए भारत में बेनामी लेनदेन से संबंधित प्रत्येक पहलू का गहन विश्लेषणात्मक और महत्वपूर्ण विश्लेषण मिलता है। यह पुस्तक बेनामी कानून की उत्पत्ति, इतिहास और विकास का पता लगाती है और प्रिवी काउंसिल और विभिन्न अन्य न्यायालयों के निर्णयों से उकेरे गए दोनों पक्षों के विचारों को शामिल करके एक निष्पक्ष तस्वीर पेश करती है।
राज कुमार नाहटा का कहना है कि यह किताब सुप्रीम कोर्ट के 23 अगस्त 2022 फैसले भारत संघ और अन्य बनाम गणपति डीलकॉम प्रा. लिमिटेड [विशेष अवकाश याचिका (सिविल) संख्या 2784/2020] का गहन विश्लेषण प्रदान करती है, जो वर्तमान समय में बहुत प्रासंगिक है, विशेष रूप से इस तथ्य पर विचार करते हुए कि उक्त अगस्त के फैसले के खिलाफ पहले ही एक समीक्षा दायर की जा चुकी है और Apex Court के जरिए जल्द सुनवाई की संभावना है। यह किताब उन मुद्दों को व्यवस्थित रूप से उजागर करके समाप्त होती है जो अभी भी अनुत्तरित हैं और भारत में बेनामी कानून पर कुछ सिफारिशें प्रदान करती हैं।
वहीं राज कुमार नाहटा का कहना है कि यह किताब भारत में बेनामी कानून के क्षेत्र में कानूनी अभ्यास के साथ-साथ प्रशासन या अधिनिर्णय में शामिल सभी हितधारकों के लिए अत्यधिक लाभकारी होगा। बेनामी कानून की अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए यह किताब कानून के सभी छात्रों के लिए और मददगार साबित होगी। इस किताब को 19 जनवरी 2023 को दिल्ली के कनॉट प्लेस में लॉन्च किया गया है।