मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने ‘मांग के अनुसार बदलने वाले (डायनमिक) और लचीले’ सिनेमा टिकट मूल्य निर्धारण का बुधवार को बचाव किया। इसके तहत स्थान, सप्ताह का दिन, सीट का प्रकार, फिल्म प्रारूप और सिनेमा प्रारूप जैसे कारकों के आधार पर सीट के मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है। एमएआई ने फिल्म निर्माता करण जौहर की हालिया टिप्पणियों पर बयान जारी करते हुए कहा कि सिनेमा प्रदर्शक अब दर्शकों की मांग को बढ़ाने और मूल्य निर्धारण को अनुकूलित करने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं। जौहर की टिप्पणी को दरकिनार करते हुए एमएआई ने अपने अध्यक्ष कमल ज्ञानचंदानी के हवाले से बयान में कहा कि भारत के सभी सिनेमाघरों में औसत मूल्य (एटीपी) 130 रुपये प्रति टिकट है। करण जौहर ने एक बयान में सिनेमा प्रदर्शकों पर ऊंची कीमत लगाने का आरोप लगाया था।
देश की सबसे बड़ी सिनेमा शृंखला
एमएआई ने कहा कि देश की सबसे बड़ी सिनेमा शृंखला पीवीआर-आइनॉक्स ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 258 रुपये का एटीपी दर्ज किया। इसके अतिरिक्त, इस अवधि के दौरान पीवीआर-आइनॉक्स में एफएंडबी पर प्रति व्यक्ति औसत खर्च (एसपीएच) 132 रुपये रहा। इसने कहा कि इससे चार सदस्यों वाले परिवार का कुल औसत व्यय 1,560 रुपये हो जाता है, जो मीडिया रिपोर्ट में बताए गए 10,000 रुपये के आंकड़े से काफी अलग है। एमएआई पीवीआर-आइनॉक्स जैसी 11 सिनेमा शृंखलाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारत के मल्टीप्लेक्स उद्योग का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा संचालित करता है।
ऊंची कीमतों के लिए जिम्मेदार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में करण जौहर ने कुछ अन्य फिल्म निर्माताओं के साथ एक पैनल चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि सिनेमा प्रदर्शक टिकट और खाद्य एवं पेय (एफ एंड बी) की ऊंची कीमतों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे सिनेमा हॉल में जाना पसंद नहीं करते, क्योंकि चार सदस्यों वाले परिवार के लिए टिकट और पॉपकॉर्न आदि सहित औसत लागत 10,000 रुपये हो सकती है, जो उनकी आर्थिक योजना में नहीं है।