Highlights
- जोमैटो ने 4,447.48 करोड़ रुपये में ब्लिंकइट कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में ग्रोफर्स) को खरीदा
- जोमैटो ने कहा कि यह सौदा शेयरों की अदला-बदली व्यवस्था के तहत किया किया जाएगा
- ब्लिंकइट कॉमर्स के शेयरधारकों से 13.45 लाख रुपये प्रति इक्विटी शेयर पर अधिग्रहण को मंजूरी दे दी
देश में डिलीवरी सेवाओं के क्षेत्र में भारी उठापटक जारी है। इस बीच बीते कई दिनों से चर्चा में रहे ब्लिंकिट और जोमैटो के बीच सौदे पर आखिरकार मुहर लग ही गई। ब्लिंकिट देश के कई शहरों में 10 मिनट में राशन की डिलीवरी सेवा प्रदान कर रही है, इसे पूर्व में ग्रोफर्स के नाम से जाना जाता था। ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने 4,447.48 करोड़ रुपये में ब्लिंकइट कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में ग्रोफर्स) को खरीदा है।
जोमैटो ने शुक्रवार को शेयर बाजार को भेजी गई सूचना में कहा कि यह सौदा शेयरों की अदला-बदली व्यवस्था के तहत किया किया जाएगा। कंपनी के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को हुई बैठक में ब्लिंकइट कॉमर्स के शेयरधारकों से 13.45 लाख रुपये प्रति इक्विटी शेयर की कीमत पर 33,018 शेयरों के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी। इस प्रकार, यह सौदा 4,447.48 करोड़ रुपये का है। इस सौदे के तहत जोमैटो के एक रुपये अंकित मूल्य के 62.85 करोड़ पूर्ण चुकता इक्विटी शेयर 70.76 रुपये प्रति इक्विटी के भाव पर जारी किए जाएंगे।
इस सौदे को लेकर जोमैटो ने कहा, ‘‘यह अधिग्रहण सामान की इंस्टेंट डिलीवरी करने वाले कारोबार में निवेश करने की हमारी रणनीति के अनुरूप है।’’ ब्लिंकइट के प्रस्तावित अधिग्रहण को लेकर शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में जोमैटो के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपिंदर गोयल ने कहा, ‘‘सामान की इंस्टेंट डिलीवरी करने वाला कारोबार पिछले एक साल से हमारी रणनीति में प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस क्षेत्र को भारत और वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते हुए देखा है। ग्राहकों के लिए किराने और अन्य आवश्यक वस्तुओं की फौरन डिलीवरी बहुत मायने रखने लगी है। यह कारोबार हमारे मुख्य खाद्य व्यवसाय के साथ भी मिलता-जुलता है, जो कंपनी को लंबी अवधि में आगे बढ़ने का समर्थन करता है।’’ इससे पहले मार्च, 2022 में जोमैटो के निदेशक मंडल ने ब्लिंकइट को 15 करोड़ डॉलर तक का कर्ज देने की मंजूरी दी थी। पिछले साल कंपनी ने ग्रोफर्स (पूर्व नाम) में करीब नौ प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 10 करोड़ डॉलर (745 करोड़ रुपये) का निवेश भी किया था।