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रूरल बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्‍स में आया उछाल, केंद्र की नीतियों और योजनाओं से गांवों में बढ़े कारोबार के अवसर

रूरल बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्‍स 2021 के मुकाबले 2022 में 9.6 अंक बढ़कर 73.5 पर पहुंच गया। इस इंडेक्स से ग्रामीण व्यापार रुझान के परिदृश्य की जानकारी मिलती है। यानी, कारोबारी परिदृश्य में सुधार हुआ है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Feb 19, 2023 13:34 IST, Updated : Feb 19, 2023 13:34 IST
रूरल बिजनेस
Photo:FILE रूरल बिजनेस

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। रूरल बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्‍स में उछाल आया है। भारत के प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो सीआरआइएफ हाई मार्क की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, रूरल बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्‍स 2021 के मुकाबले 2022 में 9.6 अंक बढ़कर 73.5 पर पहुंच गया। इस इंडेक्स से ग्रामीण व्यापार रुझान के परिदृश्य की जानकारी मिलती है। यानी, कारोबारी परिदृश्य में सुधार हुआ है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास रफ्तार और तेज करने में मदद मिलेगी। 

सभी तरह के कारोबारियों को शामिल किया गया 

सर्वे में सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े कारोबारियों को शामिल किया। सर्वे के मुताबिक इसमें शामिल 70% को उम्मीद है कि सरकारी नीतियां और योजनाएं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देंगी। 59% ने अपने कारोबार में वृद्धि और 82% ने में डिजिटल पैठ में तेजी की उम्मीद जताई। इसके अलावा 43% ने माना कि स्किल्ड कामगार में वृद्धि होगी और 69% ने ग्रामीण भारत में बुनियादी ढांचा के गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद जताई। 64% ने अपने संगठनों के ऑर्डर बुक में वृद्धि जबकि 42% ने ॠण तक आसान पहुंच की उम्मीद जताई। वैल्यू के लिहाज से खुदरा संगठनों के ॠण विकास मे 25% वॉल्यूम के लिहाज से 85% का इजाफा हुआ है। वहीं माइक्रो फाइनैंस संस्थाओं के लिए वैल्यू के लिहाज से 30% और वॉल्यूम के लिहाज से 21% की वृद्धि हुई है। वाणिज्यिक लोन संगठनों के लिए वैल्यू के लिहाज से 28% की वृद्धि हुई है। हालांकि इसी अवधि में वॉल्यूम में 5% की गिरावट आई है। 

इसके अतिरिक्त सर्वे रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 22 में खुदरा क्षेत्र के लिए लोन का औसत आकार 1.3 लाख रुपये रहा, जबकि सूक्ष्म वित्त या माइक्रोफाइनैंस के लिए यह रकम 37.5 हजार रुपये रही। वहीं वाणिज्यिक लोन के लिए यह मात्रा 1.33 लाख रुपये रही। वित्त वर्ष 21 में खुदरा के लिए औसत लोन की राशि 1.9 लाख रुपये, सूक्ष्म वित्त के लिए 35 हजार और वाणिज्यिक लोन के लिए 98 लाख रुपये रही।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था भारतीय अर्थव्यवस्था का केंद्र बना

सीआईआई नैशनल टास्क फोर्स ऑन रूरल डेवलपमेंट एंड माइग्रेंट वर्कफोर्स के चेयरमैन और ब्लूस्टार के मैनेजिंग डायरेक्टर बी त्यागराजन ने कहा, आज, पहले से कहीं अधिक, ग्रामीण अर्थव्यवस्था भारत की अर्थव्यवस्था का केंद्र बन चुका है। बिजनेस कॉन्फिडेंस स्कोर का 63.9 से बढ़कर 73.5 होना कोविड महामारी के दौरान प्रभावी रिजीलिएंस और पिछले 2 वर्षों में तेजी से विकास की स्थिति को दर्शाता है। ग्रामीण भारत आज विकास की गति के लिहाज से नए खिलाड़ियों और नए मॉडलों के उभरने का केंद्र बन रहा है। हमें विश्वास है कि सूचकांक समावेशी ग्रामीण आर्थिक विकास की दिशा में रणनीतिक निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण निर्देशक के रूप में कार्य करेगा। सीआरआइएफ हाई मार्क के एमडी संजीत डावर ने कहा, रूरल बिजनेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स के दूसरे संस्करण के मुताबिक ग्रामीण भारत में ॠण की मांग में मजबूती आई है और वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 22 के बीच ग्रामीण लोन वितरण में मूल्य के लिहाज से 26% और मात्रा के लिहाज से 64% की वृद्धि हुई है। 

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