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जेपी और अम्रपाली ग्रुप पर थी सबसे बड़ी जिम्मेदारी, दोनों के धराशाई होने के क्या हैं कारण

Real State Market: रियल स्टेट में बनाने वाले 100 प्रतिशत यूनिट्स में लगभग 50% यूनिट्स की जिम्मेदारी इन दोनों बिल्डर ग्रुप्स पर थी, लेकिन ज्यादा से ज्यादा जमीन लेना और ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट्स को एक साथ शुरू कर देना- इन दोनों ही बिल्डर ग्रुप की सबसे बड़ी खामियां रही है।

Edited By: India TV Business Desk
Published on: October 19, 2022 21:34 IST
JP and Amrapali Group has responsibility to make building real state market - India TV Paisa
Photo:IANS जेपी और अम्रपाली ग्रुप पर थी सबसे बड़ी जिम्मेदारी, दोनों के धराशाई होने के क्या हैं कारण

Real State: रियल स्टेट सेक्टर में सबसे बड़े दो नाम हुआ करते थे। एक आम्रपाली ग्रुप और दूसरा जेपी ग्रुप। अगर आम्रपाली ग्रुप की बात करें तो 45,000 यूनिट्स के आसपास अकेले इस ग्रुप को बना कर लोगों को देना था। कुछ ऐसा ही हाल जेपी ग्रुप का भी था। जेपी के तमाम सभी प्रोजेक्ट को अगर जोड़ लिया जाए तो पूरे गौतमबुद्ध नगर में लगभग 50,000 यूनिट्स की जिम्मेदारी जेपी ग्रुप पर थी। 

50% यूनिट्स की जिम्मेदारी इन दोनों बिल्डर ग्रुप्स के पास

रियल स्टेट में बनाने वाले 100 प्रतिशत यूनिट्स में लगभग 50% यूनिट्स की जिम्मेदारी इन दोनों बिल्डर ग्रुप्स पर थी, लेकिन ज्यादा से ज्यादा जमीन लेना और ज्यादा से ज्यादा प्रोजेक्ट्स को एक साथ शुरू कर देना- इन दोनों ही बिल्डर ग्रुप की सबसे बड़ी खामियां रहीं। शुरूआती दौर को छोड़कर मध्यम दौर आते-आते यह दोनों कंपनियां पूरी तरीके से दिवालिया घोषित होने की कगार पर पहुंच गई और खुद को एनसीएलटी में डाल दिया। इन दोनों कंपनियों पर भरोसा कर लाखों लोगों ने इनमें इन्वेस्ट किया और अपने जीवन भर की जमा पूंजी इन बिल्डर्स के हाथ में सौंप दी।

30,000 यूनिट्स की हो चुकी है डिलीवरी

इनमें से करीब 30,000 यूनिट्स को तो उनकी डिलीवरी मिल चुकी है, लेकिन बाकी के अगर 70,000 यूनिट्स की बात करें तो वह अभी आधे-अधूरे बने हुए हैं जिन पर आईआरपी और एनसीएलटी दोनों काम करवा कर लोगों को उनके फ्लैट डिलीवर करने की कोशिश कर रहे हैं।

बैंकों से लिए हैं लोन

इन दोनों ही बिल्डर ग्रुप्स ने मार्केट से और बैंकों से बड़े-बड़े लोन ले रखे थे। इस लोन को चुकाने में असमर्थ होते ही इन पर मुकदमे दायर होना शुरू हो गए। कोर्ट में इनके खिलाफ मुकदमों की संख्या बढ़ती गई और धीरे-धीरे उनके काम पर असर पड़ने लगा। जेपी ग्रुप पर एसबीआई ने अपने 6,893 करोड़ रुपए बकाए का केस डाल दिया। वहीं अमरपाली ग्रुप पर अब तक अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं का करीब 9,000 करोड़ रुपए बकाया है।

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