Highlights
- जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया है
- दुनिया भर से अपने प्रोडक्ट को बंद करने का ऐलान कर चुकी है कंपनी
- आरोप है कि उसका बेबी पाउडर कैंसर का कारण बन रहा है
Johnson and Johnson Baby Powder: महाराष्ट्र(Maharashtra) के फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने जन स्वास्थ्य के हित में जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड का बेबी पाउडर निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया है। एक प्रेस रिलीज कर इसकी जानकारी दी गई है। राज्य सरकार की एजेंसी ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस रिलीज में कहा कि कंपनी का प्रोडक्ट जॉनसन बेबी पाउडर नवजात शिशुओं की स्किन को प्रभावित कर सकता है। रेगुलेटर ने कहा कि शिशुओं के लिए पाउडर के नमूने लैब जांच के दौरान मानक पीएच मान के अनुरूप नहीं थे।
क्या कहा गया प्रेस रिलीज में?
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि कार्रवाई कोलकाता स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला(Central Pharmaceutical Laboratory) की निर्णायक रिपोर्ट के बाद की गई थी, जिसमें बताया गया था कि पाउडर का नमूना पीएच जांच के संबंध में आईएस 5339:2004 के अनुरूप नहीं है।
प्रेस रिलीज के मुताबिक, FDA ने गुणवत्ता जांच के उद्देश्य से पुणे और नासिक से जॉनसन के बेबी पाउडर के नमूने लिए थे। सरकारी एनालिसिस्ट ने पाउडर के नमूनों को मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं होना बताया था क्योंकि वे पीएच जांच में शिशुओं के त्वचा पाउडर के लिए आईएस 5339:2004 की विशिष्टता का पालन नहीं करते हैं। इसके बाद FDA ने जॉनसन एंड जॉनसन को Drugs and Cosmetics Act-1940 और नियमों के तहत एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके अलावा कंपनी को यह आदेश भी दिया है कि इस प्रोडक्ट का सारा स्टॉक बाजार से वापस बुलाया जाए। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने सरकारी एनालिसिस्ट की रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया और इसे केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला(Central Pharmaceutical Laboratory) में भेजने के लिए कोर्ट में चुनौती दी है।
दुनिया भर से अपने प्रोडक्ट को बंद करने का ऐलान कर चुकी है कंपनी
12 अगस्त को कंपनी ने कहा था कि 2023 से दुनिया भर में जॉनसन ऐंड जॉनसन (johnson and johnson) का बेबी पाउडर (Baby Powder) बंद हो जाएगा। कंपनी का कहना है कि वो कानूनी लड़ाई से थक चुकी है। इसलिए वह अपने बेबी टैल्कम पाउडर के प्रोडक्शन पर रोक लगाने जा रही है।
बंद करने की क्यों आई नौबत?
कंपनी के उपर आरोप है कि उसका बेबी पाउडर कैंसर का कारण बन रहा है। ऐसा उसके उपर सिर्फ एक देश में आरोप नहीं लगा है। दुनियाभर में हजारों केस दायर हुए हैं। जब कंपनी के उपर कैंसर होने के आरोप के बाद रिपोर्ट सामने आया तो कंपनी की सेल पर भी असर पड़ा और भारी गिरावट देखने को मिली। कंपनी अब टैल्क बेस्ड पाउडर की बदले कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर मार्केट में लाएगी।
टैल्क बेस्ड पाउडर कैसे बनता है?
टैल्क जमीन के अंदर पाया जाता है। यह पूर्ण रुप से प्राकृतिक होता है। इसमें मैग्नीशियम, सिलिकॉन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन होता है। अगर आप उसके रासायनिक रुप को देखेंगे तो आपको उसमें मैग्नीशियम सिलिकेट नजर आएगा, जिसका केमिकल फॉर्मूला Mg3Si4O10(OH)2 है। आपको बता दें कि इसका इस्तेमाल नमी सोखने में भी किया जाता है। यह कॉस्मेटिक्स और पर्सनल केयर बनाने में भी यूज होता है।
क्यों लगते हैं आरोप?
टैल्क जमीन की खुदाई करने के बाद मिलता है, जहां पर इसके लिए खुदाई की जाती है, वहीं पर एस्बेस्टस भी पाया जाता है। एस्बेस्टस से कैंसर होने का खतरा होता है। अब दोनों आस-पास ही पाए जाते हैं। इसलिए कंपनी के उपर ये आरोप लगाया जा रहा है कि उसके टैल्क बेस्ड पाउडर में भी एस्बस्टस है, जो कैसर को जन्म दे रहा है। हालांकि कंपनी इसे सुरक्षित बता रही है। उसका कहना है कि वह रिसर्च करने के बाद इसे तैयार करती है।