Friday, November 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Jio ने बिना नीलामी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के प्रस्ताव का किया विरोध, जानें क्या है पूरा मामला

Jio ने बिना नीलामी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के प्रस्ताव का किया विरोध, जानें क्या है पूरा मामला

जियो ने कहा, ‘‘नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटन भारतीय कंपनियों को विदेशी कंपनियों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करेगा। विदेशी कंपनियों ने पहले आओ, पहले पाओ पर आधारित आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) प्राथमिकता लिस्ट को बाधित किया है और अपने खुद के समूह की योजना बनाई है।’’

Edited By: Sunil Chaurasia
Updated on: November 15, 2024 22:46 IST
विदेशी कंपनियों को लेकर जियो ने चिट्ठी में क्या लिखा- India TV Paisa
Photo:FILE विदेशी कंपनियों को लेकर जियो ने चिट्ठी में क्या लिखा

रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम कंपनी जियो ने सैटेलाइट कम्यूनिकेशन्स कंपनियों (Satcoms) को नीलामी के बिना स्पेक्ट्रम आवंटित करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। जियो ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी भारतीय कंपनियों को विदेशी सैटेलाइट कम्यूनिकेशन्स कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगी। कंपनी ने इस मामले में टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI को लिखी एक चिट्ठी में कहा कि एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेजन की कुइपर का जॉइंट सैटकॉम बैंडविड्थ पिछले कुछ सालों में सभी तीन प्रमुख भारतीय टेलीकॉम कंपनियों की बनाई गई क्षमता से ज्यादा है। 

विदेशी कंपनियों को लेकर क्या बोला जियो

जियो ने कहा, ‘‘नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटन भारतीय कंपनियों को विदेशी कंपनियों के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करेगा। विदेशी कंपनियों ने पहले आओ, पहले पाओ पर आधारित आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) प्राथमिकता लिस्ट को बाधित किया है और अपने खुद के समूह की योजना बनाई है।’’ कंपनी ने कहा कि स्पष्टता और निश्चितता के अभाव में स्पेक्ट्रम आवंटन/प्राथमिकता के बावजूद, कोई भी भारतीय कंपनी कभी भी अपना खुद का एनजीएसओ (गैर-जियोस्टेशनरी कक्षा) शुरू नहीं कर पाएगी। 

जियो ने इस तर्क को भी किया खारिज

बताते चलें कि टेलीकॉम एक्ट-2023 में सैटकॉम कंपनियों को नीलामी के बिना प्रशासनिक व्यवस्था के माध्यम से स्पेक्ट्रम आवंटन करने की बात कही गई है। इसका कारण उपग्रह कंपनियों को आवंटित रेडियो तरंगों को एक साझा स्पेक्ट्रम माना जाता है और माना जाता है कि सैटकॉम कंपनी को अलग से ‘फ्रीक्वेंसी’ आवंटित करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। जियो ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि सैटकॉम सेवाएं उन टेलीकॉम सेवाओं की पूरक होंगी जहां कोई नेटवर्क कवरेज नहीं है।

स्टारलिंक को करना होगा सभी नियमों का पालन

बताते चलें कि एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए सभी जरूरतों को पूरा करने की प्रक्रिया में है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी को भारत में सेवाएं शुरू करने का लाइसेंस मिल जाएगा। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अभी हाल ही में कहा था कि स्टारलिंक को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए सभी नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा था कि एक बार पूरा प्रोसेस हो जाने पर उन्हें लाइसेंस मिल जाएगा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement