देश में कृषि कानूनों को लेकर 2021 में शुरु हुआ बवाल भले ही थम गया हो लेकिन राज्यों से इस प्रकार की खबरें सामने आ रही हैं। ताजा मामला झारखंड से आया है। यहां राज्य सरकार नए कृषि विधेयक लेकर आई है। जिसके विरोध में राज्य के करीब छह लाख व्यापारी बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफजेसीसीआई) के बैनर तले इस अनिश्चितकाली हड़ताल का आयोजन किया गया है। व्यापारी संगठनों का कहना है कि राज्य के नए कृषि विधेयक से किसानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और महंगाई भी बढ़ेगी।
एफजेसीसीआई के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा, "महासंघ के बैनर तले छह लाख कारोबारियों ने नए कृषि विधेयक के विरोध में अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस विधेयक का किसानों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।" उन्होंने दावा किया कि राज्य की मंडियां एवं राइस मिल बंद कर दी गई हैं और खाद्य वस्तुओं का आयात भी रोक दिया जाएगा। इस हड़ताल का फैसला पिछले हफ्ते आयोजित व्यापारी महासंघ की बैठक में किया गया था। इस बारे में टिप्पणी के लिए झारखंड के कृषि मंत्री एवं सचिव से संपर्क स्थापित नहीं हो पाया।
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने चार फरवरी को इस विधेयक को मंजूरी दी थी। हालांकि मंजूरी देते हुए उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि राज्य सरकार को सभी हितधारकों के साथ सलाह-मशविरा कर इस बारे में नियम बनाने चाहिए।