रांची। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करने जा रही है। राज्य के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव पर इस बार भी कोरोना संकट के बाद सुस्त पड़ी आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने की जिम्मेदारी होगी। इसी के साथ ही उरांव पर खाली पड़ी तिजोरी को फिर मजबूत बनाने और आसमान छूते राजकोषीय घाटे को पाटने की जिम्मेदारी भी होगी।
यहां नए बजट से पहले हमें पिछले साल के बजट में हुए बड़े ऐलानों पर भी नजर डालनी होगी। हमें पता करना होगा कि सोरेन सरकार की ऐसी कौन सी बजट घोषणाएं थीं जो सिर्फ वादा बनकर ही रह गईं।
91277 करोड़ रुपए का बजट
पिछले साल हेमंत सरकार ने 91277 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। बजट की सबसे खास बात यह थी कि सरकार ने न कोई नया टैक्स लगाया गया था और ना ही पुराने टैक्स में वृद्धि की गई थी। बजट की एक और खासियत किसानों के लिए शुरू की गई कृषि ऋण माफी योजना थी। इसके साथ ही मनरेगा मजदूरों की मजदूरी भी बढ़ाई गई थी। इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 18653 करोड़ का प्रावधान किया गया था।
बजट के जरूरी आंकड़े
बजट में राजस्व व्यय 75,755.01 करोड़ और पूंजीगत व्यय 15,521.99 करोड़ का प्रावधान किया गया था। इसमें सामान्य क्षेत्र के लिए 26734.05 करोड़, सामाजिक क्षेत्र के लिए 33,625.72 करोड़ व आर्थिक क्षेत्र के लिए 30,917.23 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था बढ़ाने के लिए 18,653 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
किसानों के लिए क्या
बजट में किसानों के लिए किसान ऋण माफी योजना ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। बजट में 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा बजट में चेंबर ऑफ फारमर्स के गठन के लिए सात करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। बिरसा ग्राम विकास योजना के लिए 61 करोड़, किसान समृद्धि योजना के लिए 45.83 करोड़ का प्रावधान किया गया था। राज्य की 12 पुरानी सिंचाई योजनाओं के जीर्णोद्धार के लिए भी राशि निर्धारित की गयी थी।
महिलाओं और युवाओं के लिए घोषणाएं
बजट में 70,000 सखी मंडलों को राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान था। फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान के तहत 15,063 महिलाओं को हड़िया-दारू के धंधे से अलग कर रोजगार के दूसरे साधन उपलब्ध कराने का दावा किया गया। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 25,000 एकड़ भूमि पर फलदार पौधे लगाने का प्रावधान किया गया था।
इंफ्रा प्रोजेक्ट
बजट में सड़क से लेकर एयरपोर्ट के लिए राशि निर्धारित की गयी। राज्य में माइनिंग कॉरिडोर के निर्माण का प्रावधान किया गया था। गिरिडीह, धनबाद व देवघर में रिंग रोड के लिए राशि निर्धारित की गयी। दुमका हवाई अड्डा में पीपीपी मॉडल पर पायलट ट्रेनिंग का काम अगले वित्तीय वर्ष से शुरू करने की घोषणा की गयी।
बजट में सड़क से लेकर एयरपोर्ट के लिए राशि निर्धारित की गयी। राज्य में माइनिंग कॉरिडोर के निर्माण का प्रावधान किया गया था। गिरिडीह, धनबाद व देवघर में रिंग रोड के लिए राशि निर्धारित की गयी। दुमका हवाई अड्डा में पीपीपी मॉडल पर पायलट ट्रेनिंग का काम अगले वित्तीय वर्ष से शुरू करने की घोषणा की गयी।