सुप्रीम कोट की ओर से शुक्रवार (2 फरवरी) को जेट एयरवेज की समाधान प्रक्रिया में बोली जीतने वाले जालान कालरॉक कंसोर्टियम की नए पेमेंट प्लान को लेकर अर्जी खारिज कर दी गई। इस अर्जी में कहा गया कि कोर्ट कर्जदारों को मौजूदा 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी रिलीज करने का निर्देश दे। जालान कालरॉक कंसोर्टियम को अनुमति दें कि वह इसे नई बैंक गारंटी के साथ रिप्लेस कर सके।
इस अर्जी में 150 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए जालान कालरॉक कंसोर्टियम को सात दिन का अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग भी की गई थी। ये सात दिन का समय लेनदारों द्वारा बैंक गारंटी रिलीज करने के बाद से शुरू हो।
जालान कालरॉक कंसोर्टियम के द्वारा यह अर्जी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 18 जनवरी के आदेश के बाद दायर की गई थी, जिसमें कहा गया कि जेकेसी को 31 जनवरी 150 करोड़ रुपये जमा कराने हैं। यह धनराशि जालान कालरॉक कंसोर्टियम और एसबीआई के एस्क्रो खाते में रखी जानी थी।
पैसे जमा नहीं करने पर होगी कानूनी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि अगर जालान कालरॉक कंसोर्टियम बैंक गारंटी नहीं देता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। बता दें, एनसीएलटी को मार्च में जेट एयरवेज के स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने को लेकर एसबीआई में दायर की गई अपील पर फैसला करना है।
बता दें, 18 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में एनसीएलएटी के एक निर्णय को रद्द कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि जालान कालरॉक कंसोर्टियम को 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए मौजूदा प्रदर्शन बैंक गारंटी से 150 करोड़ रुपये समायोजित करने की अनुमति दी गई थी।