Wednesday, November 13, 2024
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जयप्रकाश एसोसिएट्स ने कर दी भुगतान में चूक, नहीं चुकाया ₹4,616 करोड़ का लोन

जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड का कुल उधार (ब्याज सहित) 29,805 करोड़ रुपये है, जिसे साल 2037 तक चुकाया जाना है। इसमें से 30 अप्रैल 2024 तक 4,616 करोड़ रुपये बकाया था।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: May 07, 2024 15:10 IST
लोन विभिन्न बैंकों से लिया गया है।- India TV Paisa
Photo:FILE लोन विभिन्न बैंकों से लिया गया है।

लगातार वित्तीय संकट का सामना कर रही जेपी समूह की प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड ने भुगतान में चूक कर दी है। संकटग्रस्त कंपनी ने मूलधन व ब्याज राशि सहित 4,616 करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान नहीं किया है। भाषा की खबर के मुताबिक, शेयर बाजार को दी सूचना में कंपनी ने बताया कि 30 अप्रैल को 1,751 करोड़ रुपये की मूल राशि और 2,865 करोड़ रुपये के ब्याज के भुगतान में चूक कर दी है। कंपनी पर मोटा कर्ज है। यह बैंकों से लिया गया कर्ज कंपनी को लौटाना है।

कंपनी का ब्याज सहित कुल उधार

खबर के मुताबिक, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) ने कहा कि कंपनी का कुल उधार (ब्याज सहित) 29,805 करोड़ रुपये है, जिसे साल 2037 तक चुकाया जाना है। इसमें से 30 अप्रैल 2024 तक 4,616 करोड़ रुपये बकाया था। ये लोन विभिन्न बैंकों से लिया गया है। कंपनी ने कहा कि 29,805 करोड़ रुपये की कुल उधारी में से 18,955 करोड़ रुपये प्रस्तावित विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) को ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके लिए सभी विधिवत अनुमोदित एक व्यवस्था योजना को हितधारकों की मंजूरी मिल गई है, हालांकि यह राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) की मंजूरी के लिए लंबित है।

उधारी घटाने के लिए ठोस कदम उठा रही कंपनी

जेपी एसोसिएट्स ने कहा कि किसी भी स्थिति में सम्पूर्ण ऋण पुनर्गठन के अधीन है। जेएएल ने कहा कि एक जिम्मेदार उधारकर्ता के तौर पर कंपनी उधारी को कम करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। सीमेंट व्यवसाय के प्रस्तावित विनिवेश और विचाराधीन पुनर्गठन के बाद, संशोधित पुनर्गठन योजना के कार्यान्वयन पर उधारी लगभग शून्य हो जाएगी। इसके अलावा, कंपनी ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक ने कंपनी के खिलाफ दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) 2016 की धारा सात के तहत आरबीआई के निर्देश पर एनसीएलटी इलाहाबाद का रुख किया। कंपनी ने इस कदम का विरोध किया है।

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