फाइनेंशियल ईयर 2023-24 (एसेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की शुरुआत हो गई है। अगर आप भी अपना रिटर्न भरने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखना जरूरी है। बहुत सारे टैक्सपेयर्स कुछ कॉमन गलतियां करते हैं और बाद में उनको विभाग से नोटिस मिल जाता है। अगर आप नहीं चाहते हैं कि आपको रिटर्न भरने के बाद किसी तरह परेशानी का सामना करना पड़े तो इन 6 गलतियों से बचें।
ऐसी कटौतियों का दावा करना जिनके पात्र आप नहीं
आयकर रिटर्न दाखिल करते समय टैक्स छूट पाने के लिए कोई पेपर संलग्न करने की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए कुछ लोग कर रिफंड प्राप्त करने के लिए गलत जानकारी दे देते हैं। कई करदाता धर्मार्थ संगठनों को दिए गए दान पर धारा 80जी के तहत या विकलांग करदाताओं के लिए धारा 80यू के तहत कटौती का धोखाधड़ी से दावा करते हैं। आप ऐसी गलती नहीं करें। वैसी कटौतियों के दावा बिल्कुल नहीं करें जिसके पात्र आप नहीं है।
गलत ITR फॉर्म का चयन
अगर आप रिटर्न दाखिल करने के लिए गलत फॉर्म चुनते हैं, उदाहरण के लिए, ITR-1 आपने चुन लिया लेकिन आपको ITR-2 चुनना था तो आपको विभाग का नोटिस मिल जाएगा। गलत फॉर्म का चयन करने से आपका रिटर्न 'रिजेक्ट' भी हो सकता है।
पिछले नियोक्ता की आय का खुलासा नहीं करना
अगर आपने वित्तीय वर्ष के दौरान नौकरी बदली है, तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे वेतनभोगी करदाताओं के पास उनके पिछले और वर्तमान नियोक्ताओं द्वारा जारी किए गए दोनों फॉर्म-16 होंगे। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप दोनों कंपनियों से हुई आय की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में दे रहे हैं। अगर आप आय छुपाने के लिए किसी एक कंपनी से हुई आय का ही विवरण देते हैं तो आपको टैक्स नोटिस मिल सकता है।
रिटर्न दाखिल करते समय केवल फॉर्म-16 पर निर्भर रहना
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए, रिटर्न दाखिल करते समय फॉर्म-16 मुख्य दस्तावेज़ होता है। हालांकि, फॉर्म-16 में कई आय और लेन-देन प्रदर्शित नहीं होते हैं। इसलिए अपनी सभी आय का विवरण रिटर्न में भरें। इनमें बैंक जमा, म्यूचुअल फंड आदि को शामिल करें।
गलत बैंक खाता दर्ज करना
कई बार लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरने में गलत बैंक अकाउंट का ब्योरा दे देते हैं। इससे रिफंड मिलने में परेशानी होती है। हमेशा सही अकाउंट नंबर ही डालें।
रिटर्न वेरिफिकेशन को नजरअंदाज करना
आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया ऑनलाइन रिटर्न अपलोड करने और जमा करने के साथ ही समाप्त नहीं होती है। आयकर विभाग द्वारा आपके रिटर्न को संसाधित करने के लिए, आपको दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर इसे सत्यापित करना होगा। आप अपने आधार, पूर्व-मान्य बैंक खाते, डीमैट खाते आदि का उपयोग करके आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से इसे आसानी से ऑनलाइन कर सकते हैं।