Italy Ticket Price: एक बात कही जाती है कि जब कुछ समझ ना आए तो घूमने निकल जाना चाहिए। घूमने-फिरने से आदमी को कई ऐसी चीजें जानने को मिलती है, जो शायद घर बैठे कभी ना मालूम हो पाए। घूमने से आदमी का मन भी वापस से रिफ्रेश हो जाता है। नए दोस्त मिलतें हैं, आप उस दौरान अपनी कमजोरी और खासियत के बारे में अंदाजा लगा पाते हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां और कितना दूर घूमने निकलते हैं। कई बार लोग इंडिया से बाहर अपने रिश्तेदारों के यहां छुट्टियां मनाने चले जाते हैं। उनमें से कुछ लोग इटली भी जाते हैं। अगर आपके नाना-नानी या भैया-भाभी इटली रहते हैं या फिर कोई दूर का रिश्तेदार रहता हो तो आप कुछ समय के लिए वहां घूमने जा सकते हैं। आज हम इटली के बारे में आपको बताएंगे कि अगर आप इटली जाने का प्लान करते हैं तो कितना खर्च आएगा और वहां आपको कौन सी जगह एक्सप्लोर करने को मिलेगी। सोशल मीडिया पर कई बार यूजर कमेंट करते हुए मिल जाएंगे कि आखिर इटली में ऐसा क्या है कि लोग वहां घूमने जाते हैं। कई तो अपने रिश्तेदार के यहां चले जाते हैं। कुछ नेता नानी के यहां जाने को लेकर फेमस हैं।
दिल्ली से इटली का किराया
दिल्ली से इटली का किराया 22 हजार से लेकर 50 हजार तक के बीच है। इटली के अलग-अलग शहरों में जाने के दाम विभिन्न है। वेनिस और मिलान इटली के उन शहरों में आते हैं, जहां टूरिस्ट काफी संख्या में घूमने जाते हैं। अगर हम भारत के कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी के ननिहाल की बात करें, जहां उनकी नानी रहती हैं तो वह वेनिस से कुछ दूरी पर स्थित है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वेनिस से कुछ घंटे की दूरी पर वीचेंजा नाम का शहर है। वहां खूबसूरत पहाड़ियां हैं और उसी पहाड़ियों के बीच लजीआना नाम का एक इलाका बसा है, जहां सोनिया गांधी का जन्म हुआ था। वहां काफी संख्या में सैलानी घूमने भारत और दुनिया के दूसरे मुल्कों से नहीं आते हैं, क्योंकि वह काफी शांत इलाका है। लोग जहां घूमने जाते हैं वह वेनिस शहर है। वेनिस एक भीड़भाड़ वाला इलाका है, जहां आपको इटली की भागती हुई जिंदगी वेनिस की सड़कों पर देखने को मिलेगी।
वहां के लोगों को किताबें पढ़ने का शौक
वेनिस और इटली के दूसरे शहर के बारे में एक लेखिका कहती हैं कि वहां के लोग किताब बढ़ने के काफी शौकिन हैं। उन्हें खाना खाने या कॉफी पीने के साथ किताब बढ़ने में मजा आता है। हर चौक-चौराहे पर लोग किताब पढ़ते हुए मिल जाते हैं। उन्होंने अपनी एक मीडिया बातचीत में बताया कि इसमें कोई शक नहीं है कि कोरोना आने के बाद से किताब के मार्केट पर काफी प्रभाव पड़ा है। बता दें कि वहां के लोगों की फेवरेट डिश बाक्कला है। यह कॉड मछली की डिश है, जिसे दूध की मदद से पका कर तैयार किया जाता है। अगर आप एक नॉन वेजिटेरियन हैं तो शायद आप इस डिश को पसंद करें।