पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब वे रेल, मेट्रो, बस, टोल, पार्किंग का पेमेंट आसानी से कर पाएंगे। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और NBFC को विभिन्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रणालियों के लिए भुगतान को लेकर पीपीआई (प्रीपेड कार्ड) जारी करने की अनुमति दी। पीपीआई यानी प्री-पेड कार्ड के तहत भुगतान पहले कर दिया जाता है। इनके आने से यात्रियों के पास किराया देने के लिए नकद भुगतान के अलावा अन्य विकल्प होंगे। आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि यह माध्यम यात्रियों को आवागमन सेवाओं के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और तेज डिजिटल भुगतान की सुविधा देगा। अधिसूचना में कहा गया कि देश भर में सार्वजनिक परिवहन प्रणालियां हर दिन बड़ी संख्या में यात्रियों को सेवाएं देती हैं।
मास ट्रांजिट सिस्टम (पीपीआई-एमटीएस) कैसे करेगा मदद
- बैंक/एनबीएफसी ऐसे पीपीआई जारी करेंगे।
- पीपीआई में ट्रांजिट सर्विस, टोल और पार्किंग से संबंधित ऑटोमेटेड फेयर कलेक्शन एप्लिकेशन होगा।
- पीपीआई केवल मेट्रो, बस, रेल और जलमार्ग, टोल और पार्किंग जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के फेयर भुगतान में काम आएंगे।
- पीपीआई बिना केवाईसी सत्यापन के जारी किए जा सकेंगे।
- पीपीआई में फिर पैसा डाला जा सकेगा।
- पीपीआई में बकाया राशि किसी भी समय 3,000 रुपये से अधिक नहीं होगी।
- पीपीआई की स्थायी वैधता होगी।
- पीपीआई में नकद निकासी, रिफंड या फंड ट्रांसफर की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पीपीआई क्या हैं?
PPI एक वित्तीय उपकरण है, जिसमें पहले से पैसे डाल कर रखे जा सकते हैं। इस पैसे से वस्तु और सेवाएं खरीदी जा सकती हैं।
पीपीआई के जारीकर्ता कौन हैं?
पीपीआई बैंकों और एनबीएफसी द्वारा जारी किए जाएंगे। बैंक आरबीआई से मंजूरी मिलने पर पीपीआई जारी कर सकते हैं।
पीपीआई का धारक कौन है?
पीपीआई का धारक वह व्यक्ति होता है जो पीपीआई जारीकर्ता से पीपीआई प्राप्त/खरीदता है।