भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बार ब्याज दरें न बढ़ाकर आम लोगों को बड़ी राहत दी है। लेकिन यदि आप आरबीआई गवर्नर की इस राहत का जश्न मना रहे हैं तो सावधान हो जाइए। ब्याज दरों की घोषणा के वक्त शक्तिकांत दास ने यह कह कर सभी को हैरान कह दिया कि ब्याज दरों पर यह ब्रेक स्थाई नहीं है। अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में फिर इजाफा किया जा सकता है।
शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया है कि इस बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला स्थायी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कदम को भविष्य के संकेतक के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि केंद्रीय बैंक जरूरत होने पर दरों में और वृद्धि करने में ‘हिचकिचाएगा’ नहीं।
एक साल में 2.5% बढ़ी रेपाे रेट
चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद दास ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) भविष्य में ब्याज दर के मोर्चे पर जरूरत के लिहाज से कदम उठाएगी। दास ने कहा, ‘‘यदि मुझे एक लाइन में आज की मौद्रिक समीक्षा के बारे में बोलना हो, तो मैं यही कहूंगा कि रेपो दर में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन यह कदम स्थायी नहीं है।’’ इससे पहले दिन में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया।
फैसले से हैरान हैं निवेशक
हालांकि, केंद्रीय बैंक का यह फैसला विश्लेषकों के लिए हैरान करने वाला है। विश्लेषक मान रहे थे कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बढ़ोतरी को रोकने से पहले रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की एक और वृद्धि करेगा। रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से रेपो दर में ढाई प्रतिशत की वृद्धि की है।
प्रभाव का आकलन करेगा RBI
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में अबतक की गई वृद्धि के प्रभाव का आकलन करना चाहेगा। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का मुद्रास्फीति को निर्णायक रूप से नीचे लाने का काम समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा की प्राथमिकता मूल्य स्थिरता है।
ब्रेक सिर्फ इसी बैठक के लिए
मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो दर को यथावत रखने का यह निर्णय ‘सिर्फ इसी बैठक के लिए’ है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि कच्चे तेल का औसत दाम 85 प्रति डॉलर पर रहने के अनुमान के आधार पर रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को मामूली बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है। पहले यह अनुमान 90 डॉलर प्रति बैरल पर आधारित था।