इंश्योरेंस रेगुलेटर आईआरडीएआई ने पॉलिसीधारकों की सुविधा और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म 'बीमा सुगम'के गठन का प्रस्ताव रखा है। यह प्लेटफॉर्म इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की उपलब्धता और पहुंच बढ़ाने में मददगार होगा। भाषा की खबर के मुताबिक, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने अपने एक मसौदा प्रस्ताव में कहा है कि पॉलिसीधारकों को सशक्त बनाने और उनके हितों की रक्षा के लिए यह पहल की गई है।
4 मार्च तक टिप्पणियां आमंत्रित
खबर के मुताबिक,आईआरडीएआई ने भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (बीमा सुगम - बीमा इलेक्ट्रॉनिक बाजार स्थल) नियमन, 2024 के मसौदे पर चार मार्च तक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। मसौदे में कहा गया है कि इंश्योरेंस मार्केट के गठन का मकसद भारत में इंश्योरेंस की पैठ बढ़ाना और इसकी उपलब्धता, पहुंच और व्यवहार्यता को बढ़ाना है। बीमा सुगम सभी बीमा हितधारकों, ग्राहकों, बीमाकर्ताओं, मध्यस्थों या बीमा मध्यस्थों और बीमा एजेंटों के लिए एकमुश्त समाधान के तौर पर काम करेगा।
सबको बीमा का दृष्टिकोण
यह संपूर्ण बीमा मूल्य श्रृंखला में पारदर्शिता, दक्षता, सहयोग और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगा। यह बीमा को सार्वभौम और लोकतांत्रिक बनाएगा और साल 2047 तक सबको बीमा के दृष्टिकोण को हासिल करेगा। मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक, बीमा सुगम एक गैर-लाभकारी कंपनी होगी। इसकी स्थापना, संचालन और कामकाज के लिए नियामकीय प्रारूप को इंगित करते हुए कहा गया है कि यह कंपनी बीमा हितधारकों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए बाजार की स्थापना, सुविधा, विकास, संचालन और रखरखाव करेगी।
इस कंपनी की शेयरधारिता व्यापक रूप से जीवन, साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के पास होगी और किसी एक इकाई के पास नियंत्रक हिस्सेदारी नहीं होगी। जरूरत पड़ने पर शेयरधारक पूंजी में योगदान देंगे। इंश्योरेंस रेगुलेटर के मुताबिक, बीमा सुगम - बीमा इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस खुले स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्मों के साथ एक मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा या प्रोटोकॉल है।