Friday, November 22, 2024
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IOC, BPCL और HPCL को हो सकता है 10,700 करोड़ का नुकसान, इन कंपनियों के शेयर निवेशक हो जाए सावधान!

सार्वजनिक क्षेत्र की इन तीनों पेट्रोलियम विपणन कंपनियों का पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री में 90 प्रतिशत नियंत्रण है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: July 11, 2022 18:36 IST
IOC, BPCL और HPCL: - India TV Paisa
Photo:FILE IOC, BPCL और HPCL:

Highlights

  • कच्चे तेल के दाम चढ़े लेकिन पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव नहीं किया गया
  • इससे इन कंपनियों को पेट्रोल और डीजल पर 12 से 14 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है
  • रिफाइनिंग मार्जिन 17-18 डॉलर प्रति बैरल पर मजबूत बना रहेगा

IOC, BPCL और HPCL News: सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) को पेट्रोल और डीजल की लागत से कम कीमत पर बिक्री से चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में सामूहिक रूप से 10,700 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में कच्चे तेल के दाम चढ़े। लेकिन पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव नहीं किया गया। इससे कंपनियों को विपणन के स्तर पर नुकसान हुआ। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि इन कंपनियों के शेयर में निवेश करने वाले निवेशक को सावधान हो जाना चाहिए। शॉर्ट टर्म में रिजल्ट आने पर इन कंपनियों के शेयर में गिरावट आ सकती है। 

पेट्रोल पर 12 रुपये प्रति लीटर का नुकसान

सार्वजनिक क्षेत्र की इन तीनों पेट्रोलियम विपणन कंपनियों का पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री में 90 प्रतिशत नियंत्रण है। इन कंपनियों की अपनी रिफाइनरियां भी हैं जहां कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल में बदला जाता है। हालांकि, कच्चे तेल को ईंधन में बदलने का मार्जिन ऊंचा है लेकिन पेट्रोल तथा डीजल के दाम यथावत रहने से विपणन इकाइयों को नुकसान उठाना पड़ा है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने रिपोर्ट में कहा कि कंपनियों को पेट्रोल और डीजल पर 12 से 14 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। इससे रिफाइनरी के स्तर पर ऊंचे मार्जिन का लाभ का असर जाता रहा। 

रिफाइनिंग मार्जिन पर असर नहीं होगा 

ब्रोकरेज कंपनी ने कहा, हमारा अनुमान है कि सकल रिफाइनिंग मार्जिन 17-18 डॉलर प्रति बैरल पर मजबूत बना रहेगा। साथ ही विपणन मात्रा में वृद्धि 17 से 20 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसका कारण संभावनाओं में सुधार तथा तुलनात्मक आधार कमजोर होना है। इसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल के मामले में खुदरा स्तर पर ऊंचे नुकसान से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में कर पूर्व कमाई (ईबीआईटीडीए) के मामले में 6,600 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। वहीं पेट्रोलियम विपणन कंपनियों का शुद्ध घाटा 10,700 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

आने वाले महीनों में सुधार होगा 

पिछले दो-तीन दिन में कच्चे तेल के दाम में कुछ नरमी देखी गयी है। इसको देखते हुए आने वाले दिनों में विपणन घाटे के मामले में कुछ राहत की उम्मीद है। ब्रोकरेज कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के बारे में कहा कि कंपनी के लिये परिचालन और वित्तीय स्तर पर जून तिमाही बेहतर रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी एकीकृत कर पूर्व लाभ 67 प्रतिशत बढ़कर 38,900 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 77 प्रतिशत बढ़कर 24,400 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 

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