शेयर बाजारों में तेजी और खुदरा निवेशकों की रुचि बढ़ने के बीच परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) 2021-22 में 176 नई कोष पेशकश (एनएफओ) लेकर आई हैं, जिनके जरिये कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। फायर्स के शोध प्रमुख गोपाल कवालिरेड्डी ने कहा, नकदी की सख्त स्थिति, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, शेयर बाजार में मजबूती, दफ्तर से काम फिर शुरू होने के बाद आगे चलकर एनएफओ में रुचि घट सकती है। वहीं निश्चित परिपक्वता वाली योजनाओं (एफएमपी) में उल्लेखनीय रूप से नई पेशकशें देखने को मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि लगभग सभी एएमसी ने विभिन्न श्रेणियों में नई योजनाएं पेश की हैं और पहले मौजूद उत्पादों के अंतराल को पाटने का काम किया है।
नई पेशकशों की संख्या तय होगी
उन्होंने बताया कि निवेश के उद्देश्यों में अंतर, विशिष्ट योजनाओं में निवेशकों की रुचि, धन की उपलब्धता, कोष प्रबंधकों की विश्वसनीयता और शेयर बाजारों के प्रदर्शन के आधार पर नई पेशकशों की संख्या तय होगी। मॉर्निंगस्टार इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में 176 नई कोष पेशकशें आईं। इन एनएफओ के जरिये 1,07,896 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कहीं ऊंचा आंकड़ा है। 2020-21 में 84 एनएफओ आए थे और इनके जरिये कुल 42,038 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।
एसआईपी के जरिये निवेश 30 प्रतिशत बढ़ा
म्यूचुअल फंड उद्योग में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान या एसआईपी के जरिये आने वाला निवेश वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 1.24 लाख करोड़ रुपये हो गया। बीते वित्त वर्ष में एसआईपी में निवेश इससे पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़ा है। इससे पता चलता है कि खुदरा निवेशकों के बीच एसआईपी की लोकप्रियता बढ़ रही है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 में एसआईपी के जरिये 96,080 करोड़ रुपये का निवेश आया था। इसके अलावा म्यूचुअल फंड एसआईपी का योगदान पांच वर्षों में दोगुने से अधिक बढ़ गया। वर्ष 2016-17 में यह 43,921 करोड़ रुपये था।