Adani Group Latest News: पिछले दो महीने से अडानी ग्रुप चर्चा का विषय बना हुआ है। शायद ही कोई दिन ऐसा हो जब बिजनेस जगत में अडानी ग्रुप की कंपनियों का जिक्र ना हुआ हो। कंपनी कभी फायदे में आ जाती है तो किसी दिन जाकर नए कंपनी का अधिग्रहण कर लेती है। इन सबका असर अडानी ग्रुप में निवेश करने वाले शेयरधारकों पर पड़ता है। हाल ही में एक खबर आई है कि भारत में इजराइल के पूर्व राजदूत रॉन मलका ने हाइफा पोर्ट कंपनी (एचपीसी) के कार्यकारी चेयरमैन का पदभार संभाला लिया है। एचपीसी का स्वामित्व अडाणी समूह की अगुवाई वाले संघ के पास है। अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) और इजराइल के गादोत समूह के संघ ने इजराइल में हाइफा बंदरगाह के 1.18 अरब डॉलर में निजीकरण के लिए पिछले वर्ष जुलाई में बोली जीती थी।
ट्वीट कर दी जानकारी
मलका ने रविवार को ट्वीट किया कि अडाणी ऑनलाइन की तरफ से हाइफा पोर्ट कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन का पद संभालने का आज मुझे जो मौका मिला उससे मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अडाणी गादोत के अनुभव तथा विशेषज्ञता के मेल और बंदरगाह कर्मियों के समर्पण से हाइफा पोर्ट समृद्धि की नई ऊंचाइयां छुएगा। मलका 2018 से 2021 तक भारत में इजराइल के राजदूत थे। हाइफा बदंरगाह शिपिंग कंटेनर के मामले में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा पोत और पर्यटक क्रूज शिप के मामले में सबसे बड़ा बंदरगाह है। अडाणी समूह ने इस वर्ष जनवरी में इस बंदरगाह का आधिकारिक तौर पर अधिग्रहण कर लिया था।
हाल ही में अडानी ग्रुप ने दी थी जानकारी
शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे अडाणी समूह ने प्रवर्तक स्तर पर शेयर गिरवी रखकर लिए गए 2.15 अरब डॉलर के समूचे कर्ज के भुगतान का दावा करते हुए कहा है कि सिर्फ परिचालन वाली कंपनी के स्तर पर लिया गया कर्ज ही बकाया है। अडाणी समूह ने शेयरों के एवज में लिए गए 2.15 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान नहीं किए जाने की खबरों को आधारहीन एवं जानबूझकर की गई शरारत बताते हुए खारिज कर दिया है। समूह ने बयान में कहा कि अडाणी ने 12 मार्च की घोषणा के अनुरूप शेयरों के एवज में लिए गए 2.15 अरब डॉलर के समूचे कर्ज को चुका दिया है। इन कर्जों के लिए गिरवी रखे गए सारे शेयर छुड़ा लिए गए हैं। प्रवर्तकों के स्तर पर लिए गए सारे शेयर-समर्थित कर्ज चुका दिए गए हैं जबकि परिचालन कंपनियों द्वारा शेयर गिरवी रखकर लिया गया कर्ज बाकी है।
जानिए क्या कहा है ग्रुप ने
बयान के मुताबिक, इस भुगतान के बाद अडाणी ग्रीन, अडाणी पोर्ट्स, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी एंटरप्राइजेज के गिरवी रखे गए शेयरों में खासी गिरावट आई है और सिर्फ परिचालक कंपनियों की तरफ से गिरवी रखे गए शेयरों का भुगतान ही बकाया है। परिचालन कंपनियों के कर्ज उनकी मौजूदा ऋण संरचना का हिस्सा हैं और गत 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद किसी भी परिचालन इकाई ने कोई नया कर्ज नहीं लिया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर वित्तीय धांधली और शेयरों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे। अडाणी समूह की तरफ से यह बयान शेयर बाजारों को दी गई सूचनाओं के आधार पर जारी मीडिया रिपोर्ट के बाद आया है। इन खबरों में कहा गया था कि प्रवर्तकों के गिरवी रखे गए शेयरों के बड़े हिस्से को बैंकों ने अभी जारी नहीं किया है। इससे बकाया कर्ज को न चुकाने के संकेत मिलते हैं।