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Mutual Funds में SIP के जरिये निवेश ने किया कमाल, इस साल बढ़कर इतने लाख करोड़ रुपये हुआ

म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये निवेश को पॉपुलर बनाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एसआईपी निवेश की न्यूनतम सीमा को 250 रुपये करने का फैसला किया है। इससे इसका दायरा और बढ़ जाएगा।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: December 13, 2023 18:48 IST
एसआईपी को निवेशकों का साथ बने रहने की संभावना है।- India TV Paisa
Photo:PIXABAY एसआईपी को निवेशकों का साथ बने रहने की संभावना है।

निवेशकों का म्यूचुअल फंड में निवेश की तरफ झुकाव लगातार मजबूत हो रहा है। एक ताजा आंकड़ों में पाया गया कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश की रफ्तार इस साल (2023) के पहले 11 महीनों में बढ़कर 1.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है। भाषा की खबर के मुताबिक, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के रेगुलेटर एम्फी ने यह जानकारी बुधवार को दी है। एम्फी ने कहा है कि एसआईपी के जरिये  म्यूचुअल फंड में निवेश की लिमिट को 250 रुपये करने के सेबी के फैसले से इस निवेश राशि में आने वाले समय में और बढ़ोतरी होने की संभावना है।

इस साल नवंबर तक एसआईपी के जरिये शानदार निवेश

खबर के मुताबिक, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर तक एसआईपी के जरिये किया गया कुल निवेश 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा। आंकड़ों में बताया गया है कि यह राशि साल 2022 के पूरे साल में 1.5 लाख करोड़ रुपये, 2021 में 1.14 लाख करोड़ रुपये, 2020 में 97,000 करोड़ रुपये रही थी। इस ट्रेंड को देखते हुए मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने उम्मीद जताई कि समग्र एसआईपी के जरिये निवेश साल-दर-साल लगातार बढ़ती रहेगी। उनका यह भी कहना है कि उत्साही आर्थिक दृष्टिकोण और बढ़ी हुई बाजार भागीदारी के साथ एक अनुशासित और आसान निवेश विकल्प के रूप में एसआईपी को निवेशकों का साथ बने रहने की संभावना है।

इन वजहों से बनी है तेजी

एसआईपी में तेजी का रुझान पूरे 2024 तक जारी रहने की उम्मीद है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने निवेश में तेजी के लिए कई कारकों को वजह बताया है। इनमें एम्फी की तरफ से फैलाई जा रही जागरुकता, जनसांख्यिकी, इक्विटी निवेश पर मजबूत रिटर्न और निवेश में सहूलियत शामिल हैं। एसआईपी म्यूचुअल फंड कंपनियों की तरफ से पेश एक निवेश सिस्टम है। इसमें एक व्यक्ति एकमुश्त निवेश के बजाय किसी चुनी हुई योजना में समय-समय पर निश्चित अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश कर सकता है।

एसआईपी निवेश की न्यूनतम सीमा 250 रुपये करने का फैसला

मौजूदा समय में एसआईपी की न्यूनतम मासिक किस्त 500 रुपये तक हो सकती है। लेकिन बाजार नियामक सेबी ने इसे और पॉपुलर बनाने के लिए एसआईपी निवेश की न्यूनतम सीमा को 250 रुपये करने का फैसला किया है। आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी ए बालसुब्रमण्यम ने कहा कि छोटे आकार की एसआईपी होने से आबादी के निम्न आय वर्ग के लिए भी म्यूचुअल फंड में निवेश के दरवाजे खुलेंगे।

बता दें, मासिक एसआईपी अंशदान दिसंबर, 2022 के 11,305 करोड़ रुपये से बढ़कर नवंबर, 2023 में 17,073 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। सितंबर और अक्टूबर में एसआईपी से मासिक योगदान 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा था।

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