बीमा खरीदने वाले हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने एक मुख्य सर्कुलर जारी कर ‘यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाओं’ (यूलिप) को ‘निवेश उत्पाद’ के रूप में प्रचारित करने पर रोक लगा दी है। भाषा की खबर के मुताबिक, इरडा के 19 जून के सर्कुलर में कहा गया कि ‘यूनिट-लिंक्ड’ या ‘इंडेक्स-लिंक्ड’ बीमा उत्पादों को ‘निवेश उत्पाद’ के रूप में विज्ञापित नहीं किया जाएगा। बीमा कंपनियों को स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि बाजार से जुड़ी बीमा योजनाएं पारंपरिक बंदोबस्ती पॉलिसियों से भिन्न हैं और उनमें जोखिम भी होता है।
कंपनियों को यह भी बताना होगा कि...
खबर के मुताबिक, इसी तरह, भाग लेने वाली (बोनस के साथ) बंदोबस्ती पॉलिसियों को पहले ही यह बताना होगा कि मुनाफे में अनुमानित बोनस की गारंटी नहीं है। इरडा ने कहा कि परिवर्तनीय वार्षिकी भुगतान विकल्प के साथ लिंक्ड बीमा उत्पादों और वार्षिकी उत्पादों के सभी विज्ञापनों में जोखिम कारकों का खुलासा किया जाएगा।
बीमा कंपनियों की तरफ से विज्ञापन में जो चीजें प्रचारित नहीं की जाएंगी उनमें बीमा से संबंधित न होने वाली सेवाओं पर, सामान्य बीमा उत्पाद के मामले में दरों/छूट की तुलना पूर्ववर्ती टैरिफ से करना, किसी बीमा उत्पाद के संभावित लाभों को बिना किसी संबद्ध जोखिम के उचित संकेत के उजागर करना, बिना किसी संगत सीमाओं/शर्तों/प्रभावों के आंशिक रूप से लाभों का खुलासा करना आदि शामिल है।
लाभों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताने को कहा
कंपनियों से यह भी कहा गया है कि उत्पाद के लाभों को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताना है। साथ ही किसी प्रतिस्पर्धी या उद्योग की प्रतिष्ठा को बदनाम नहीं करना है। साथ ही यह भी स्पष्ट करना होगा कि करार के तहत पेश किए जाने वाले विभिन्न फंड केवल फंड के नाम हैं और किसी भी तरह से इन योजनाओं की गुणवत्ता, उनकी भविष्य की संभावनाओं और रिटर्न का संकेत नहीं देते हैं।