Sunday, December 22, 2024
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Infosys को मिला ₹32,403 करोड़ का भारी-भरकम जीएसटी नोटिस, कंपनी ने दी ये दलील

कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए यह नोटिस दिया है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jul 31, 2024 22:44 IST, Updated : Jul 31, 2024 22:44 IST
कंपनी ने प्री-शो कॉज नोटिस का जवाब दिया है।
Photo:REUTERS कंपनी ने प्री-शो कॉज नोटिस का जवाब दिया है।

देश और दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस को जीएसटी अधिकारियों ने इन्फोसिस को 2017 से पांच साल तक कंपनी द्वारा अपनी विदेशी शाखाओं से ली गई सेवाओं के लिए 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। इन्फोसिस ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई फाइलिंग में इस नोटिस को 'प्री-शो कॉज' नोटिस बताया। कंपनी ने कहा कि उसका मानना ​​है कि इन खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं है। भाषा की खबर के मुताबिक, बेंगलुरु मुख्यालय वाली आईटी फर्म ने कहा कि कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए 32,403 करोड़ रुपये के जीएसटी के भुगतान के लिए प्री-शो कॉज नोटिस जारी किया है। कंपनी ने प्री-शो कॉज नोटिस का जवाब दिया है।

कंपनी इसका जवाब देने की प्रक्रिया में

खबर के मुताबिक, फाइलिंग में कहा गया है कि कंपनी को इसी मामले पर जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक से प्री-शो कॉज नोटिस मिला है और कंपनी इसका जवाब देने की प्रक्रिया में है। कंपनी का मानना ​​है कि नियमों के मुताबिक, ऐसे खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं है। इन्फोसिस ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा जारी एक हालिया सर्कुलर के मुताबिक, भारतीय इकाई को विदेशी शाखाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं जीएसटी के अधीन नहीं हैं। इन्फोसिस ने तर्क दिया कि जीएसटी भुगतान आईटी सेवाओं के निर्यात के खिलाफ क्रेडिट या रिफंड के लिए पात्र हैं।

इन्फोसिस ने दिया ये तर्क

कंपनी ने तर्क दिया कि इन्फोसिस ने अपने सभी जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है और इस मामले में केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी अधिकारियों द्वारा इन्फोसिस को भेजे गए दस्तावेज़ में कहा गया है- विदेशी शाखा कार्यालयों से सप्लाई हासिल करने के बदले में, कंपनी ने विदेशी शाखा व्यय के रूप में शाखा कार्यालयों को प्रतिफल का भुगतान किया है। इसलिए, मेसर्स इंफोसिस लिमिटेड, बेंगलुरु भारत के बाहर स्थित शाखाओं से प्राप्त आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत 32,403. 46 करोड़ रुपये की राशि का आईजीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, जो 2017-18 (जुलाई 2017 से) से 2021-22 की अवधि के लिए है।

इन्फोसिस के एक साल के मुनाफे से भी अधिक जीएसटी का नोटिस है

बेंगलुरू में जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशालय का मानना ​​है कि इन्फोसिस ने सेवाओं के प्राप्तकर्ता के रूप में सेवाओं के आयात पर एकीकृत-जीएसटी (आईजीएसटी) का भुगतान नहीं किया। इसमें आरोप लगाया गया है कि इन्फोसिस ने भारत के बाहर शाखा कार्यालय स्थापित किए और इन पर होने वाले खर्च को अपने निर्यात चालान के हिस्से के रूप में शामिल किया। 32,403 करोड़ रुपये की मांग इन्फोसिस के एक साल के मुनाफे से भी अधिक है। जून तिमाही में इन्फोसिस का शुद्ध लाभ साल-दर-साल आधार पर 7.1 प्रतिशत बढ़कर 6,368 करोड़ रुपये हो गया और परिचालन से राजस्व 39,315 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की तुलना में 3.6 प्रतिशत अधिक है। जीएसटी की मांग भी दिलचस्पी जगाने वाली है, क्योंकि इन्फोसिस वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल का प्रबंधन करती है।

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