Highlights
- पोल्ट्री फीड की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई
- पिछले साल के मुकाबले पोल्ट्री फीड की लागत 40% बढ़ी
- सावन महीने में चिकन के दाम में कुछ राहत मिलने की उम्मीद
Inflation Pinch: कोरोना के बाद आसमान छूती महंगाई से हर कोई परेशान है। सब्जियों से लेकर खाने-पीने के सामान महंगे होने से मंथली बजट काफी बढ़ा हुआ है। जिद्दी महंगाई से जल्द राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। इस बीच महंगाई डायन ने चिकन-चावल का जायका बिगाड़ दिया है। भीषण गर्मी में मुर्गी व चूजों के मरने और पोल्ट्री फीड की कीमतें में 40 फीसदी तक बढ़ोतरी होने से चिकन की कीमत देश के कई राज्यों में 250 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई है।
पोल्ट्री फीड महंगा और उत्पादन कम होने का असर
पोल्ट्री फेडरेशन के अध्यक्ष, रमेश चंद्र खत्री ने इंडिया टीवी को बताया कि इस बार चिकन की कीमत में बढ़ोतरी की दो वजह है। पहली पोल्ट्री फीड की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल के मुकाबले अगर तुलना करें तो पोल्ट्री फीड की लागत 40 फीसदी बढ़ी है। वहीं, दूसरी ओर भीषण गर्मी के चलते बड़ी संख्या में मुर्गी व चूजा मर रहे हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं, कोरोना के बाद बाजार में मांग तेजी से बढ़ी है लेकिन उस अनुपात में उत्पादन नहीं हो रहा है। इसके चलते चिकन की कीमत 250 रुपये के पार चली गई है। यह पूछने पर कि कब तक राहत मिलने की उम्मीद है तो उन्होंने बताया कि सावन में कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, उसके बाद फिर तेजी लौटेगी।
चावल की कीमत में भी 10 फीसदी की तेजी
पिछले दो हफ्तों में फिर से चावल की कीमतों में करीब 10 फीसदी की तेजी आई है। चावल की कीमत में तेजी बांग्लादेश की खबर फैलने के बाद आई है। एक खबर फैली कि बांग्लादेश अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए चावल का आयात करेगा और इसे निजी व्यापारियों से खरीदेगा। इसके बाद तेजी दर्ज की गई है। गैर बासमती चावल की कीमतों में अधिक तेजी देखने को मिली है।