Inflation in Britain: खाने-पीने का सामान महंगा होने से ब्रिटेन में महंगाई मार्च में लगातार सातवें महीने 10 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। देश में खाद्य वस्तुओं के दाम पिछले महीने 45 साल में सबसे तेज रफ्तार से बढ़े हैं। महंगाई ऊंची होने की वजह से देश में जीवनयापन का संकट पैदा हो गया है, जिसके चलते सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बुधवार को कहा कि फरवरी में खाद्य वस्तुओं के दाम 19.2 प्रतिशत बढ़े हैं। यह अगस्त 1977 के बाद खाद्य वस्तुओं की कीमतों में सबसे बड़ा उछाल है। कुल मिलाकर मार्च में उपभोक्ता मूल्य आधारित महंगाई पिछले महीने की तुलना में मामूली घटकर 10.1 प्रतिशत रही है। पेट्रोल और डीजल के दाम घटने से कुल महंगाई कम हुई है। हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने मार्च में महंगाई दर 9.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
भारत में क्या है हाल?
भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई मार्च 2023 में घटकर 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई में गिरावट मुख्य रूप से विनिर्मित वस्तुओं और ईंधन के दामों में कमी के चलते हुई है। हालांकि इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई बढ़ी है। मार्च 2023 लगातार 10वां महीना है जब थोक महंगाई में गिरावट दर्ज की गई है। डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई फरवरी 2023 में 3.85 प्रतिशत और मार्च 2022 में 14.63 प्रतिशत थी। इस बीच खाद्य वस्तुओं की महंगाई फरवरी के 3.81 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 5.48 प्रतिशत पर पहुंच गई। अगर आप भारत की तुलना ब्रिटेन से करेंगे तो स्थिति काफी बेहतर नजर आएगी। देश में खुदरा महंगाई में भी कमी आई है। यही वजह है कि इस बार आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
भारत में अच्छे दिन आ गए?
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मार्च 2023 में महंगाई की दर में कमी की मुख्य वजह बुनियादी धातुओं, खाद्य वस्तुओं, कपड़ा, गैर-खाद्य वस्तुओं, खनिजों, रबड़ एवं प्लास्टिक उत्पादों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कागज और कागज से बने उत्पादों के दामों में कमी आना है। गेहूं और दाल के मामले में महंगाई क्रमश: 9.16 प्रतिशत और 3.03 प्रतिशत रही जबकि सब्जियां 2.22 प्रतिशत सस्ती हुईं। तिलहन की महंगाई दर मार्च, 2023 में 15.05 प्रतिशत घटी। ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई फरवरी के 14.82 प्रतिशत से कम होकर मार्च, 2023 में 8.96 प्रतिशत रह गई। विनिर्मित उत्पाद 0.77 प्रतिशत सस्ते हुए जिनकी महंगाई दर पिछले महीने 1.94 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई भी मार्च में घटाकर 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई जो फरवरी में 6.44 प्रतिशत थी।