वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को उद्योग जगत से प्रौद्योगिकी के मामले में अगुवा बनने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में चीजों को सुगम बनाएगी। उन्होंने सॉफ्टवेयर उद्योग का उदाहरण देते हुए कहा कि क्षेत्र ने अपने दम पर शुरुआत की और सरकार बाद में आई। सीतारमण ने उद्योग मंडल फिक्की के सदस्यों के साथ बजट बाद बातचीत में कहा, उद्योग को अपनी क्षमता को लेकर खुद को देखना चाहिए और फिर उन बिंदुओं के साथ आना चाहिए जिनपर वह चाहता है कि सरकार सुविधा प्रदान करे, बजाय यह कहना कि क्या सरकार इस बारे में कुछ कर रही है?
सॉफ्टवेयर उद्योग ने काम शुरू
उन्होंने कहा, कैसे देश में सॉफ्टवेयर उद्योग ने काम शुरू किया? क्या उन्होंने सरकर का इंतजार किया? नहीं। वे आगे बढ़ते रहे और सरकार ने देखा कि वह बैठी और देखती नहीं रह सकती और उनके लिये अनुकूल नीतियां लेकर आई। सीतारमण ने कहा, मैं चाहती हूं कि नवीकरणीय ऊर्जा के साथ-साथ दुर्लभ धातु के क्षेत्र में उद्योग आगे आएं।’’ उन्होंने उद्योग को आश्वस्त किया कि सरकार उनके विभिन्न मुद्दों पर दिये गये सुझावों पर सक्रियता के साथ विचार करेगी। पूंजीगत व्यय के उपयोग के संदर्भ में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इसपर नियमित आधार पर नजर रखेगी।
बुनियादी ढांचा पर बजट आवंटन बढ़ा
उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य भी बुनियादी ढांचा विकास को लेकर कोष का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्यों को 2023-24 में 1.3 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह चालू वित्त वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। राज्यों को जो भी राशि आवंटित की गई है, उसमें से ज्यादातर बिना शर्त वाली हैं। सीतारमण ने बुधवार को बजट भाषण में बुनियादी ढांचा विकस पर पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की। यह सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत है।