Highlights
- रुपया 77.78 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ
- भारत जिन वस्तुओं के आयात पर निर्भर है, वहां रुपये की गिरावट महंगाई ला सकती है।
- विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर रुपये की कमजोरी का खासा असर पड़ेगा
Indian Rupee: महंगे कच्चे तेल के बीच रुपये में एतिहासिक गिरावट ने आपके लिए महंगाई का पक्का इंतजाम कर दिया है। घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली और विदेशों में डॉलर के मजबूत होने के बीच विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया धराशाई हो गया। मंगलवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 12 पैसे की गिरावट के साथ 77.78 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 77.72 पर खुला। दिन के कारोबार में यह ऊंचे में 77.69 और नीचे में 77.80 तक गया। अंत में यह अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 12 पैसे की गिरावट दर्शाता 77.78 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 77.66 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
पेट्रोल डीजल सहित दूसरे आयातित प्रोडक्ट होंगे महंगे
डॉलर के मजबूत होने का सीधा असर हमारे आयात पर पड़ता है। भारत जिन वस्तुओं के आयात पर निर्भर है, वहां रुपये की गिरावट महंगाई ला सकती है। इसका असर कच्चे तेल के आयात पर भी पड़ेगा। दूसरी ओर भारत गैजेट्स और रत्नों का भी बड़ा आयातक है। ऐसे में रुपये में गिरावट का असर यहां पर भी देखने को मिल सकता है।
मोबाइल लैपटॉप की कीमतों पर असर
भारत अधिकतर मोबाइल और अन्य गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है। विदेश से आयात के लिए अधिकतर कारोबार डॉलर में होता है। विदेशों से आयात होने के कारण अब इनकी कीमतें बढ़नी तय मानी जा रही है। भारत में अधिकतर मोबाइल की असेंबलिंग होती है। ऐसे में मेड इन इंडिया का दावा करने वाले गैजेट पर भी महंगे आयात की मार पड़ेगी।
आपकी जेब में एक और महंगाई का छेद
रुपये की कमजोरी से सीधा असर आपकी जेब पर होगा। आवश्यक सामानों की कीमतों में तेजी के बीच रुपये की कमजोरी आपकी जेब को और छलनी करेगी। भारत अपनी जरुरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। अमेरिकी डॉलर के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च होगा। इससे माल ढुलाई महंगी होगी। इसका सीधा असर हर जरूरत की चीज की महंगाई पर होगा।
विदेश में पढ़ना महंगा
इसका असर विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर रुपये की कमजोरी का खासा असर पड़ेगा। इसके चलते उनका खर्च बढ़ जाएगा। वे अपने साथ जो रुपये लेकर जाएंगे उसके बदले उन्हें कम डॉलर मिलेंगे। वहीं उन्हें चीजों के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके अलावा विदेश यात्रा पर जाने वाले भारतीयों को भी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।